Book Title: Deepratnasagarji ki 585 Sahitya Krutiya ke 31 Folders ka Parichay
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar
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नमो नमो निम्मलदसणस्स
Folder - 25
I[TI-IFEMી witમ HIII III
व
દીક્ષા-યોગાદિ વિધિ
साहित्य Printed
कुलकिताबें 3 भाषा-गुज० सं० प्रा० कुलपृष्ठ 296
મુનિ દીપરત્નસાગર
इस पच्चीसवें फोल्डर में हमने 'विधि साहित्य' को रक्खा है, जिस में हमारी तिन किताबे है, जो गुजराती+[संस्कृत और प्राकृत भाषा में है |
[1] Ell-योut al:- इस किताब में दीक्षाविधि, आवश्यकादि योगविधि, संपूर्ण बड़ी-दीक्षाविधि, पद-प्रदानविधि इत्यादि विधियों का संग्रह है | यह शास्त्रीय विधि को हमने इस तरह संकलित किया है कि विधि करवानेवाले कोई भी पूज्य श्री किताब के पेज आगे-पीछे किए बिना ही Direct विधि करवा सकते है । ऐसा ये विशिष्ट प्रकाशन है।
ये किताब मैंने A-5 अर्थात् 8.75 x 5.75 की साईझ में मुद्रित करवाई है ।
[2] साधु-साध्वी धर्म विप:- ये किताब पंचांग जैसे छोटे कद में print करवाई है, साथ रखनी सरल है, साधु-साध्वी के काळधर्म के वक्त साधु तथा श्रावको को करनेकी विधि का स्पष्ट विभाजन है और अगर कोई पालखी बनाना चाहे तो पालखी की फोटो भी अंतमें रख दिया है |
ये किताब मैंने 5.75 x 4.25 की साईझ में मुद्रित करवाई है |
[3] alQ संग्रह- १:- इस किताब में दीक्षा-योगादि विधि तो संकलित है ही, इसके अलावा कालिकयोग-विधि, काळग्रहण-विधि, पदप्रदान-विधि, पाटली-विधि, सज्झाय-विधि, तीर्थमाळ विधि आदि अनेक विधिओ को सरलता से कर शके और करवा शके ऐसी स्पष्ट प्रस्तुती के साथ बनी हुई ये किताब है | तदुपरांत व्रतोच्चारणादि उपयोगी बातों का समावेश हुआ है। ये किताब मैंने A-5 अर्थात् 8.75 x 5.75 की साईझ में मुद्रित करवाई है |
- मुनि दीपरत्नसागर... Muni DeepratnaSagar's 585 Books [1,03,130 Pages] |
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दीपरत्नसागर की 585 साहित्य......
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