Book Title: Deepratnasagarji ki 585 Sahitya Krutiya ke 31 Folders ka Parichay
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar
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ઋષભદેવ પરિચય"
મુનિશ્રી દીપરત્નસાગર
M.Com. M.Ed. PhD
नमो नमो निम्मलदंसणस्स
Folder – 28
तीर्थं४२ संक्षिप्त दृर्शन net
कुल किताबें → 24 भाषा- गुजराती कुलपृष्ठ - 432
इस अट्ठाईसवें फोल्डरमें चोवीस तिर्थंकरो के विषयमे १८५ विगतो की जानकारी दी गयी है, जिसे 'तीर्थंकर - बोल संग्रह' भी कहे शकते है। ये २४ किताबे 8.5 x 11.0 की साईझ में प्रकाशित कर के इंटरनेट पर रक्खी है |
हमने इस फोल्डर का नाम 'तीर्थंकर संक्षिप्त दर्शन' रक्खा है, क्यों की प्रत्येक तीर्थंकर संबंधी अलग-अलग १८५ वस्तुओ का यहाँ संग्रह किया गया है | जैसे की:तीर्थंकरका क्रम, नाम, कल्याणक तिथि, राशि, नक्षत्र, काल आदि, भवसंक्ख्या, पूर्व भव, पूर्वोत्तरभवस्थान, तीर्थंकरनामकर्मबांध के कारण, १४ स्वप्न, माता-पितादि के नाम, ५६ दिक्कुमारी का आगमन एवं कार्य, ६४ इंद्र द्वारा अभिषेक एवं कार्य, लंछन, गोत्र, वंश, शरीरलक्षण, संघयण, संस्थान, गण, योनी, रूप, वर्ण, बळ, उंचाई, आहार, विवाह, भगवंत के नाम का सामान्य एवं विशेष अर्थ, दीक्षा आदि का तप, दीक्षाका तप-शिबिका - सहवर्ती-वन-वृक्ष इत्यादि अनेक विगतो को शामिल किया है |
तीर्थंकर विषयक ये सभी माहिती एकत्रित करने के लिए हमने प्रवचन सारोद्धार, सप्ततिशतस्थानक, समवायआगमसूत्र, तिर्थोद्गालिकप्रकीर्णकसूत्र, आवश्यक-निर्युक्ति, आवश्यक-वृत्ति, त्रिषष्ठिशलाका पुरुषचरित्र, चउपन्नमहापुरुसचरियं आगम कथानुयोग आदि शास्त्र/ग्रंथो का संदर्भ चुना है | तिर्थंकरो के विषयमे कहीं कहीं पाठान्तर भी देखने को मिले, जिसकी नोंध कोई कोई स्थान पर हमने की है जैसे की अजितनाथ के गणधरो की संख्या सप्ततिशतस्थानकमे ९५ बताई है, जब की समवाय सूत्रमे ये संख्या ९० बताई है, भगवंत मल्लिनाथ के दीक्षादिन, केवलज्ञानदिन, केवलज्ञानसमय के विषयमे पाठान्तर तो आगममे भी देखे गए है |
मुनि दीपरत्नसागर.. Muni DeepratnaSagar's 585 Books [1,03,130 Pages]
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दीपरत्नसागर की 585 साहित्य .......
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.. कृतियाँ के 31 फोल्डर्स का परिचय