Book Title: Deepratnasagarji ki 585 Sahitya Krutiya ke 31 Folders ka Parichay
Author(s): Dipratnasagar, Deepratnasagar
Publisher: Dipratnasagar, Deepratnasagar

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Page 25
________________ नमो नमो निम्मलदसणस्स મુનિ દીપરતનસાગર Folder - 22 व्याकरण साहित्य print सनिय हेम अधुप्रड़िया-२ कुल किताबें 75 भाषा- संस्कृत, गुजराती कुल पृष्ठ 1048 | इस बाईसवे फोल्डर में व्याकरण संबंधी पाँच ग्रंथो को स्थान दिया है, जिस में चार ग्रंथों का एक संपूट अभिनव'हेम'लघुप्रक्रिया के नाम से है और पाँचवा पुस्तक 'कृदंतमाला' नाम से मुद्रित हुआ है । जो की क्राउन 4 अर्थात् 7.5x10 की साईझ में लेटर-प्रेस में कम्पोझ करवा के print करवाया है। [1-4] अभिनव'हेम'लघुप्रक्रिया, महोपाध्याय विनयविजयजी कृत् 'लघुप्रक्रिया' पर सिद्धहेम-शब्दानुशासन तथा उससे संबंधित बृहत् वृत्ति, बृहत् न्यास, हैमप्रकाश महाव्याकरणम्, लिंगानुशासन, मध्यमवृत्ति-अवचूरी, न्यायसंग्रह आदि अनेक संदर्भग्रंथो से तैयार किया हुआ 1000 से ज्यादा पेज का ये ग्रन्थ है, गुजराती भाषा के माध्यम से 'हेम'-संस्कृत व्याकरण (हैम-लघुप्रक्रिया) का सघन अभ्यास हो शके इस तरह मैंने इस ग्रन्थ का सर्जन किया है | इस ग्रन्थ की विशेषता यह है → प्रत्येक सूत्रो को सात विभागो में विभाजित करके रखे है, जैसे की सूत्र, सूत्र-अर्थ, वृत्ति, वृत्यर्थ, अनुवृत्ति, विवेचन आदि है | साथ में मैंने अकारादि-सूत्रक्रम, सिद्धहेम-सूत्रक्रम, सन्दर्भ साहित्य, शब्द-रूपमाला, धातु-रूपमाला आदि प्रचुर प्रमाणमें परिशिष्ठ भी दिए है | संस्कृत व्याकरण का स्वयं अभ्यास करने के लिए ये उत्तम प्रकाशन है। व्याकरण संबंधी हमारा पांचवा प्रकाशन है 'कृदंतमाला', जिसमें हमने 125 धातु (क्रियापदो) के 23 प्रकारो से होनेवाले कृदंतो का एक कोष्टक बनाके दिया है | दो 'संस्कृत-बुक' तक अथवा 'हैम-लघुप्रक्रिया के अभ्यास में आते हुए सभी धातुओं के कृदंतो के तैयार रूप यहाँ प्राप्त होते है | - मुनि दीपरत्नसागर | Muni DeepratnaSagar's 585 Books [1,03,130 Pages] | Mobile: +91-9825967397 Email: jainmunideepratnasagar@gmail.com दीपरत्नसागर की 585 साहित्य..... Page 25 of 36 [...कृतियाँ के 31 फोल्डर्स का परिचय ।

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