Book Title: Dashvaikalika Sutram Mula
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Page 54
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir दस. | ससमीपें- ततिहांगवेषणानेविषे नि०साधु सु०द्रीने ति नत्कृष्टलज्यावंत गुल्ग्यानादिक वशकरवेकरीनपजोगसहितयका गुणवंत वि०संजमनेंमार्गेविचरे सग्गसेत निख्खू सुप्पिणिहिंदिए तिव्वलन गुणवं विहरेशासि ३०३मकहूं याहारनीगवेषणानोबीजोनदेसोसंपूर्णथयो // // 2 // उठे अध्ययनेधर्म बनं 50 // तिपिंमेषणाअध्ययनसमाप्तं // 5 // कथामाहेक इत्तिबेमि 50 // तिपिमेसणाएबीननदेसोपिसणायणपंचमंग ना. श्रुतझान्यादिदं शुद्धसम- सं.संजमनेविषेत०तपने ग.एहनाप्राचार्या सर्व ननद्यते किततेणेकरी सं.सहित घिषेर तत्परप्रयुक्त सिद्धांतेकरी सं०सहित विष नांणदंसणसंपन्नं संजमेणंतवेरयं गणिमागम्मसंपन्नं नना स०समोसरचा रा.राजाएहवाआचार्यनेपूडेतकहेडे / मा ब्राह्मण अ.अथवा पु०नेसाधु 1 य.वली राणराजानाप्रधान ख.क्षत्री णंमि समोसढं 1 रायाणो रायमचाय माहणा अदूवखतिया पुठ For Private and Personal Use Only

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