Book Title: Dashvaikalika Sutram Mula
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Page 152
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir सद न.एवो द दमतइंद्री ना.खाश्क ढुकमीकरे 1 अ.पामीने च चार स. सु०अतिही 201 नावने सं.आत्मासंधोएटलेमोक्षने समाधिने / वि.शुद्ध त्रपा जवश्य दंते नाव संधए 1 अनिगम चम्रो समाहिन सु विसुद्धो लोकेकरी सु.याप्योसंजमने मुक्तिपदनेमुक्तिपदकेवोठे वि विस्तीर्ण कु०करे सो०तेसाधु प० विषेयात्माजेणेनवेसाधु हितने सु.सुखनेपमावली मुक्तिपदने सुसमाहीयप्पन विनलहिय सुहावहंपूणो कुवइ सो पयख्खे प्र.प्रात्माने / जा जन्ममरणने वली ३०बंशत्यस्थिसाइतिश्न रकादिव्य मु.मुकाए पदेसकारणकर्मएटलेश्बंश्चंतिष्टातिइत्यस्तंकमी ममप्पणो 3 जाइमरणा मुच्च वरचचयश्सव्वसो . इत्थंएए गतिने विषेरहितेंकर्मसिहगतिने स सिद्धवबीहोए सा.शाश्व- दे०देवतादोए अ.कर्मथोमार ह्या विषेकर्मनहीतेमाटेकर्मने च. य.ग. तो वा अथवा अथवाथोमोविषयएवोमोटी में स.सर्वथाप्रकारें सिद्धेवाहव सासए देवेवा अप्परएमहि For Private and Personal Use Only

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