Book Title: Dashvaikalika Sutram Mula
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Page 157
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 206 मिने दस. ल.पा. नि.आमंत्रने सा.साधर्मिकसाध लो जिमिने स.समायनेविषे रण तत्परनेपले नु. जमे होए य.बीजाएक्रियाअनुष्ठाननेविषे / लनित्ता ििदय साहमीयाणं नुजे नोचा सना यरएयजेस जे जेते य.वली वु.किलेसकारण। क. न.नकहेवलो कु०कोपनकरको प.रागद्वेष साधु ए कथाने नपरे नि निश्चलरंद्रियकोरहे रहितनिख्खु ए नय बुग्गहियं कहकहे नय कुप्पे निहुदिए पसंते संजमेकरी धुनि जोशुनजोगकरी जु०सहित न०क्षमावंत असाधुनाकर्त- जोजे स० मलनिश्चय व्यनेविषेप्रसावधाननही जे.जेतेसाधु 10 सहेश्हलो संजमं धुव जोग जुत्ते नवसंते अविहेमए जेसनिख्खु 10 जोसह कनेविषे गा.इंद्रीयकांटा अ.आकोसवचनने प.प्रहार वलीकेहवाथानकनेविषे सरखावचनने त.निश्चेनिनग्नवचननें भय अध्यंतर इहु गांमकंटए... अकोस पहारं तत्रापाग्य जयनेरवा सदस For Private and Personal Use Only

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