Book Title: Dashvaikalika Sutram Mula
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Page 155
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagersuri Gyanmandir 304 जे.जेते रो०सदहिने ना.महावीरना अ.मात्मासमान साधु 4 वचनने . म०माने यावए जेसनिख्खू 4 रोश्य नायपुत्तवयणे अत्तसमे मनेट उए पंपांचनेवली फा०फरसे म. पं.पांचपाश्रवने सं०रुधे य.वली कायने महाव्रतने जेण्जेतेसाधु 5 पिकाए पंचेय फासे महव्वयाइं पंच्चासव्व संवरेय जेसनिख्खू 5 / च.चार व तजे स०सदा क. .निश्चल जो शुनजोगनोधरण- अ.धनरकषायने हार ह.होएजेमवचनने विषे हित चत्तारी वमे सया कसाए धूव जोगी हवेप्रबुद्धवयणे अहणेनि नि.त्यजं रुण्सोनु गिगृहनासावद्यजोगने प०वर्जे ससमकित रुपुंजेणे जेण्जेतेसाधु 6 घ्राय रुवस्यए गिहिजोगं परिवत्रए जेसनिख्खु 6 सम्मदिष्ठि दृष्टी For Private and Personal Use Only

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