Book Title: Dashvaikalika Sutram Mula
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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir होए दस. ते अगुरुएसिखामणदेतांथका सु० सत्तेशिष्यने सं०सम्यक् वे.सि. 16 जेम पांतेकरीसानलवोपडे 1 प्रकारे 2 द्धांतोक्त तंजहा अ[सासिनंतो सुस्सश 1 समं संपमिवप्र 2 क्रियाअनुष्ठानने आ. चवे३य.वली न नोहेअन्नीमानहंजडं च.एचौथोथानक आराधेकालोकालसा- विनयनोकरणहार 4 माराहश्३ नयनवश्यत्तसंपगाहिए 4 चन्त्थंपयंजवर नवली इहां सिलोक पे०वांवे हि हितकारी अ.गु. मु.तेसिखामणनेहितकारी तेए रुनीसिखामणने तं.तेहजेसिखामण पु०वली जवश्य श्व सिलोगो पेहेआ[सासणं. सुस्स तंच पृणोत्र कालोकाले य०वली मा.मानमदेकरी वि०विनयसाधिनेविषे आ माचेनही मोदनोअर्थी ? हिए नय मांणमएणमप्र विणएसमाहि आयठिए / साचवे For Private and Personal Use Only

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