Book Title: Dashvaikalika Sutram Mula
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Page 127
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir www.kobatirth.org अ०हुँ गु.गुरुं . दस. वि०निर्मल ठा. जे०जेमुजने गु.गुरुनिरंतर प्रत्तेपूर्वे थांनक कह्याहंतर स.निरंतर गिसविसोही गणं जेमे गुरुसययं अणुसासयंति तेहि गुरु सययं पू०पूर्जुसेवा ज.जेम नि.प्रनातनेविषे प.प्रकाशकरे के०संपूर्ण करूं 13 त.सूर्य न.नरतक्षेत्र तु० पूर्णे पूययामि 13 जहा निसंते तवणिच्चमाली पनास केवल नारहं तु एएमप्राचार्यने सु.सिद्धांतकरी सी. विशोन्ने सु.देवतामांजेम इंद्र जे.जेम / प्राचारेकरी बु बुद्धियेकरी तम 14 चंद्रमा एवारीन सूयसील बुद्धिए विरायई सुरममेव इंदो 14 जहास का कार्तिकीपूनमने जो जोगे नक्षत्रअने ता.ताराना गणसभोहे खेाकाशनेविषेशोन्नेए सहित करी पण्परीवयोंथको हवाआकाशनेविषेनिर्मल || सीकोमु जोगजुत्तो नख्खत्त तारा गण परिवुमप्पा खेसोहविमले For Private and Personal Use Only

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