Book Title: Collection of Kalka Story Part 02
Author(s): Ambalal P Shah
Publisher: Sarabhai Manilal Nawab

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Page 20
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir श्रीदेवचन्द्रसूरिविरचिता (८७) पणयणरविसरपंहुँमउलिमउडमणिकिरणरंजियसुपाय ! । जिणमासणोणईपर !, कलिकालकलंकमलसलिल ! ॥२॥ (८८) कालाणुरुवपरिवट्टमाणमुयजलहिपारसंपत्त ! । सप्पंतदप्पकंदप्पसप्पकापरणपरपरसु ! ॥३॥ (८९) इय नीसेसगुणालय !, करुणापर ! परमचरण ! रणरहिय ।। मुगहियनाम ! नरुत्तम !, तुज्झ णमो होउ मुणिणाह ! ॥४॥ ___एवं च पणयस णरवइणो दिण्णा भगवया धम्मलाभो, अवि य-- (९०) कलिकालकलिलमलबहलपडलपक्खालणेगेंसलिलोहो । सयलदुहाचलकुलदलणजलियबलसूयणत्यसमो ॥५॥ (९१) चिंतामणि-कप्पदुम-कामियघड-कामधेणुमाईण । जियउँज्जियमाहप्पो, भवण्णवोत्तारणतरंडो ॥६॥ (९२) सग्गा-ऽपवग्गदुग्गमनरगऽग्गलभंगमोग्गरसमाणो । तुह होउ धम्मलाहो, नरेंद ! जिण-गणहरोछिट्टो ॥७॥ एवं च महाविच्छड्डेणं पविट्ठा णगरे सूरिणो । वंदियाई समत्थचेइयाई । आवासिया य जइजणजोग्गासु महाफासुयासु बसहीसु । तओ पइदिणं सिरिसमणसंघेण बहुमण्णेज्जमाणाणं सार्यवाहणणरिदेणं समाणेजमाणाणं विउसवग्गेण पज्जुवासेजमाणाणं णीसेसजणेण वंदेज्जमाणाणं भवियकमलपडिबोहणेपैराणं समागओ कमसो पेजोसणासमओ । तत्थ य मरहट्ठयदेसे भद्दवयसुद्धपंचमीए इंदस्स जत्ता भवइ । तओ विष्णता सूरिणो राइणा जहा-भयवं ! पैजोसणादिवसे लोयाणुवत्तीए इंदो अणुगंतव्यो होही, तेण कारणेण वाउलत्तणाओ चेईयया-ण्हवणाइयं काउं न पहुप्पामो, ता महापसायं कारण करेह छट्ठीए पज्जोसवणं, तओ भगवया भणिय" अम्ह गुरुणो अवि य(९३) अवि चलइ मेरुचूला, सुरो वा उग्गमेज अवराए । न य पंचमीऍ रयणि, पज्जोसवणा अइक्कमइ ॥८॥ जओ भणियमागमे___“जहा णं समणे भगवं महावीरे वासाणं सवीसइराए मासे वइकते वासावासं पज्जोसवेइ, तहा णं गणहरा वि । जहा णं गणहरा तहा गं गणहरसीसा वि । जहा णं गणहरसीसा तहा णं अम्ह गुरुणो वि । जहा णं अम्ह गुरुणो तहा णं अम्हे वि वासावासं पज्जोसवेमो, नो" तं रयणिमइक्कमिज्जा"। राइणा भणियं-जइ एवं तो चउत्थी, हवइ । सुरीहिं भणियं-एवं होउ णस्थित्थ दोसो, जओ भणियमागमे ___ "आरेणा वि पज्जोसवेयव्वमिति"। १५६ • बहु°A | १५७ °णायर ! CD । १५८ •णेकस °CDEHI १५९ जय उ° EH 1. जिणउ • CDI १६. साइवा °CD; सालिवा • GHI १६१ उजमाणाणं णीसे ° E। १६२ · हणं कुणताणं स°CDEHI १६३ जोसव(वस CD)णास ° CDEH I १६४ जोसवणा • CDEH I १६५ ° इयाणं पू° CDEH I ११६ °णियं-अवि च °EHI १६५ न त CD । १६८ ° ए भवउ ( भगवओ CD ) सू. CDEHI For Private And Personal Use Only

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