Book Title: Choubis Tirthankar Part 01
Author(s): 
Publisher: Acharya Dharmshrut Granthmala

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Page 24
________________ इन्द्र-इन्द्राणी आदि कुछ प्रमुख देव राजा नाभिराज के भवन पर पहुंचे एवं तीन प्रदक्षिणा दे कर उनके भीतर हुए बाल जिनेन्द्र को लाने के लिए इन्द्र ने इन्द्राणी को प्रसूति गृह में भेजा एवं स्वयं द्वार पर खड़ा रहा- इन्द्राणी ने भक्ति पूर्वक नमस्कार किया, मरूदेवी को मायामयी निद्रा से अचेत कर उसके समीप माया निर्मित एक बालक को सुलाकर बालक जिनेन्द्र को बाहर ले आई। उनके आगे दिक्कुमारीयां अष्ट मंगल लिए हुए चल रही थी, मंगल गीत गा रही थी। जय घोष कर रही थी। इन्द्राणी ने जिन बालक को लेजाकर इन्द्र को सौंप दिया। सौधर्म इन्द्र ने उन्हे ऐरावत पर बैठायां। बालक वृषभनाथ के शीश पर ऐशान स्वर्ग का धवलछत्र लगाया सनत्कुमार एवं महेन्द्र स्वर्ग के इन्द्र दोनो चमर ढुलार रहे थे। सब देवता जय-जयकार कर रहे थे। आकाश मार्ग से मेरूपर्वत की ओर, चले धीरे-धीरे चलकर .... 22 32 an चौबीस तीर्थकर भाग-1

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