Book Title: Chaupannamahapurischariyam
Author(s): Shilankacharya, Amrutlal Bhojak, Dalsukh Malvania, Vasudev S Agarwal
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 433
________________ ___ १५० ३५० चउप्पन्नमहापुरिसचरियं । उप-महाऽरिसचरि । १५ चक्रवर्तिनः मर कणयरह कणयाह जय बंभयत्त भरह मघव महापउम सर्णकुमार सयर संति सुभूम । सुभोम | हरिसेण १६ चैत्य-मन्दिर-गृहाणि १७ चौराधिप-पल्लीपतयः १८ छन्दोनाम दुवह अरहतासणय गुणसिलय सीह पोलास रुदाययण कंटय वग्ध वीरय । १९ जैनागमाः उत्तरज्झयण जंबुद्दीव[पण्णत्ती] णायधम्मकहा दिट्ठिवाय सुरपण्णत्ति संति+सामि उसह कुंथु खेमकर संभव अजिअ अणंतह भभिणंदण अयलसामि भर अरिटुणेमि २० तीर्थकराः णमि पास+यंद, सामि णामेयसामि पुष्पदंत णेमि+णाह मल्लि मल्लिसामि नेमिनाथ महावीर पउमप्पभ मुणिसुव्वअ-य रिट्ठणेमि वहरसेण बदमाण+सामि वासुपुज्ज विमल वीर+णाह वीरवदमाणसामि धम्म सीयल सुपास सुव्वय सेज्जंस सेयंस चंदप्पभ-ह जुयाइजिण २१ तीर्थाणि २२ दर्शने बहस्सतिमत भागवय पहास मागह वरदाम २३ दास-दासी-चेटी-सखी-दूताः वसंततिलया कविला चउरिआ चतुरिका चंदलेहा जसमती पियंगुलया मदनिका सुमुह सुवेग २४ दिक्कुमार्यः सुवच्छा भणिदिया तोयधारा पुष्पमाला बलाहगा भोगमालिणी भोगवई भोगकरा मेहमालिणी मेहबई मेहंकरा वच्छमित्ता बारिसेणा विचित्ता सुभोगा सुमेहा Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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