Book Title: Chaupannamahapurischariyam
Author(s): Shilankacharya, Amrutlal Bhojak, Dalsukh Malvania, Vasudev S Agarwal
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 438
________________ द्वितीयं परिशिष्टम् । सिरिकता सुग्गीव वम्मा वम्माएवी सुरिंददत्त सुजसा सुणंदा सुवण्णजंघ वसु वसुदेव वसुमई वसुमती । सिरिगुत्त सिरिमनी सिरिविजय सिरिसेण सुतारा सुदंसण सुदंसणा सुव्वया सुसीमा सुंदरी सिरी वसुंधरी विउलवाहण विचित्तवीरिअ विणयवई विण्हू विदुर विसाहणंदि विसाहभूइ विस्सणंदि विस्सभूइ विस्सभूति वीर वीससेण सच्चवीरिय सच्चा सच्चभामा सत्तुग्ध समरकेसरी समरसीह समुद्दविजअ समुद्दविजय । सयधणु सयबल सयाणिय सव्वजसा सहदेव सहदेवी सहस्सक्ख सहस्सबाहु सहस्संसु सहस्साउह संतणु संब संवर सामा सायर सिद्धत्थ सिद्धत्था सिव सुपइट सुपाठ्य सेजस विजय विजयवती विजयसेण विजया विजियारि विणमि सिवा सिवादेवी । सिहिणंदिया सीहरह सीहराय सीहसेण सुबाहु सुभद्दा सुमंगला सुमित्त सेणा सेणिय सोम सोमप्पभ सोरिय हिमवंत सुमित्ता ५५ लिप्यः ५६ लेखको आयरिसी आणंद वधाम उडी खसाणिया गंधवी जक्ती जवणी गंदीणयरा दोमिली परकम्मी पोखरी बब्बरी बभी भूयलिवी लोयपयासा संण्णामत्ता हंसी खडवियडा खरोट्ठी ५७ वणिक-श्रेष्ठि-गृहपतयस्तेषां परिवारश्च असोगदत्त असोयदत्त णिण्णामिया धण धणपवर धणय पियदसणा जय जिणधम्म जिणयास णंदण गंदा शंदिसेण णाइल णागसिरी पुरंदरदत्त पुरिसदत्त बुद्धदास बुद्धिल महेसर सागरचंद सायरचंद सागरदत्त ईसरदत्त उसहदत्त रयणवई । रयणवती । रयणसंचया लीलादेवी विणयवई विणयवती। वीरभद्द वीरमई संख केसव " गुणपुंजय गुणायर सिद्धयत्त सीलवई सुलक्षणा सुलसा पुण्णभद्द माणिभद्द मूला चंदणदास . ५८ वनचरः कुरंगय अट्ठियकाणण कायबयवण कायबयारण्ण कोसंबवण विझाडई सहसंव खीरवण णदण शंदणवण दडयारण्ण ५९ वनोद्यानोपवना-ऽटव्यः पंडग महसेण पुप्फकरंडय मंदाइणीकच्छ पेढाल रइकुलहर मणोरम रेवय सोमणस Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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