Book Title: Chaupannamahapurischariyam
Author(s): Shilankacharya, Amrutlal Bhojak, Dalsukh Malvania, Vasudev S Agarwal
Publisher: Prakrit Text Society Ahmedabad

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Page 439
________________ ३५६ चउप्पन्नमहापुरिसचरियं । ६० वन्या नारी सुमित्ता इक्खाग ६२ वानरवंशीयाः वालि सुग्गीव हणुयंत इक्खुवंस ६१ वंश-जाति-कुल-श्रमणकुल-गोत्राणि कोरिण्ण पल्लोवाल कोसिय राष्ट्रकूट गोयम वासिट्ट संख चिलिस हरिकुल हरिवंस । नेम्वुयकुल हारिय कासव डोह कुरुकुल कउरबकुल अर्णतविरिय ६३ वासुदेवाः दत्त दुविछ पुरिससीह पुरिसोत्तिम पुंडरी लक्षण पण्णत्ती मायंगी रक्खसी ६४ विद्याः वाणरविज्जा वेयालिणी तिविठ्ठ सयंभू अग्गिसिह अणंगमई अणं गमती अमियतेय असणिघोस असणिवेग कणयतिलया किरणवेग ६५ विद्याधर-विद्याधरराजानस्तेषां परिवारश्च चंदवेग भाणुवेग चित्तगइ मयणमंजुया जलणसिह रइवल्लह णटुम्मत्तय रयणप्पहा णमि वजवेग विसाहा वेगवती विज्जुगति विज्जुदाढ विज्जुसिहा विणमि खंडा गंधव्वर अवराइय | अवरातिय | कंतप्पह जलकंत ६६ विमानानि जंबुद्मावत्त पुप्फुत्तर गलिणीगुग्म महप्पह ददुरंक विजय पउमगुम्म वेजयंत अइमुत्त गुणायर अभिणंदण चंदणा उप्पल चित्त उसहसेण जगणंदण कटुय जंबुणाम करिसण जुगंधर किरणवेग दमवर गुणचंद धम्मघोस ७० सर्पाः ७१ सामुद्रिक-सांवत्सरिको ६७ वृक्षनाम ६८ वैद्यौ सचट्ठसिद्ध सिद्धवड जीवाणंद सिरिप्पह रस सुज्जप्पह सोहम्मवडेंसय ६९ श्रमण-श्रमण्यः माणदेव विउलमति संभू पसण्णचंद मियावई । विउला सिद्धायरिय पीढ मियावती। विजय सुठ्ठिय बंभी मुणिचंद विजयसेण सुयसागर बाहु सुरगुरु बाहुबली मेहकुमार विणयणंदण सुब्वया महापीठ वइरणाम सयपभ महामति वइरणाह । सव्वाण(णु)भूह ७२ सारथी ७३ सार्थवाहास्तत्परिवारश्च ७४ सेनापति-सामन्ताः ७५ शौकरिकः समन्तपत्नीच अभयमती काल कालसोयरिय पभावती पुण्णभद्द पहावती वेसमण सागरदत्त वीरग वीरय सिरिमती सुसेण दरी पूस भट्ठिय चंडकोसिय सुदाढ सिद्धादेश वीर Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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