Book Title: Budhjan Satsai
Author(s): Budhjan Kavivar
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 2
________________ प्रथम संस्करण :१ हजार (दिनांक २६ जनवरी २००७) प्रस्तुत प्रकाशन की कीमत कम करनेवाले दातारों की सूची १. डॉ. सुदर्शन शाह, गुलबर्गा १००१.०० २. श्री मुलतान दिगंबर जैन समाज, जयपुर १०००.०० ३. श्री डूंगरमलजी जैन, उदयपुर |४. श्री शांतिनाथजी सोनाज, अकलूज ५०१.०० कुल राशि : ३५०२.०० मूल्य : ७ रुपये पृष्ठ क्रमांक प्रकाशकीय पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर के माध्यम से बुधजन सतसई का प्रकाशन करते हुए हमें हार्दिक प्रसन्नता का अनुभव हो रहा है। भारतीय हिन्दी साहित्य के इतिहास में जैन कवियों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। पन्द्रहवीं से अठारहवीं शताब्दी के काल में प्रचुर मात्रा में जैन साहित्य का निर्माण हुआ है। रीतिकाल के प्रमुख कवियों में कविवर द्यानतराय, भूधरदास, दौलतराम, भागचन्द्र, बुलाकीदास, आनन्दघन तथा बुधजनजी प्रमुख स्थान रखते हैं। कविवर बुधजनजी जिनका वास्तविक नाम भदीचन्दजी था, जयपुर निवासी खण्डेलवाल जाति के थे। आपकी प्रमुख रचनाओं में तत्त्वार्थबोध, पंचास्तिकायसंग्रह, बुधजन विलास, छहढाला तथा बुधजन सतसई प्रमुख हैं। 'बुधजन सतसई' अनेक वर्षों से अप्राप्य थी; अत: इसके प्रकाशन का निर्णय ट्रस्ट द्वारा लिया गया और इसके सम्पादन का दायित्व श्री सौभाग्यमलजी जैन को सोंपा गया, जिसे उन्होंने बहुत ही लगन से सम्पन्न किया। इस कृति के पाठभेद, कठिन शब्दों के अर्थ, अशुद्धि संशोधन आदि कार्य निस्पृह भावना से श्री सौभाग्यमलजी ने ही किये हैं, अन्य साहित्यिक कृतियों के प्रकाशन में भी आपका सदैव सहयोग मिलता रहता है। इसके लिए टस्ट उनका हृदय से आभारी है। पुस्तक की विषयवस्तु के सम्बन्ध में सम्पादकजी ने अग्रिम पष्ठों में विस्तार से लिखा है जो दृष्टव्य है। इस कृति की लेजर टाइपसैटिंग का कार्य श्री श्रुतेश सातपुते शास्त्री डोणगाँव ने मनोयोगपूर्वक किया है, अत: वे धन्यवाद के पात्र हैं। पुस्तक की मुद्रण व्यवस्था में विभाग के मैनेजर श्री अखिल बंसल का श्रम श्लाघनीय है। आप सभी इस कृति से लाभान्वित हों, ऐसी आशा है। - ब्र. यशपाल जैन, एम. ए. प्रकाशन मंत्री, पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट, जयपुर (iii) अनुक्रमणिका प्रकरण का नाम १. देवानुरागशतक २. सुभाषित नीति ३. उपदेशाधिकार ४. विद्या प्रशंसा ५. मित्रता और संगति ६. जुआ निषेध ७. मांस निषेध ८. मद्य निषेध ९. वेश्या निषेध १०. शिकार की निंदा ११. चोरी निंदा १२. परस्त्रीसंग निषेध १३. विराग भावना १४. समता और ममता १५. अनुभव प्रशंसा १६. गुरु प्रशंसा (१७. कवि प्रशस्ति टाईपसैटिंग : त्रिमूर्ति कम्प्यूटर्स ए-४, बापूनगर, जयपुर 33333331 30 ० ०nrm मुद्रक: प्रिन्ट 'ओ लैण्ड बाईस गोदाम, जयपुर

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