Book Title: Bruhadgacchiya Lekh Samucchay
Author(s): Shivprasad
Publisher: Omkarsuri Gyanmandir

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Page 14
________________ बृहद्गच्छीय लेख समुच्चय (२७) वासुपूज्यः संवत् १२४५ वर्षे वैशाख वदि ५ गुरौ श्रीबृहद्गच्छे श्रीमदारासन सत्क श्रीयशोदेवसूरिशिष्यैः श्रीदेवचंद्रसूरि-भिर्वासुपूज्यप्रतिमा प्रतिष्ठिता । (२८) अजितनाथः ___ संवत् १२४५ वर्षे वैशाख वदि ५ गुरौ श्रीयशोदेवसूरिशिष्यैः श्रीदेवचंद्रसूरिभिः श्रीअजितनाथप्रतिमा प्रतिष्ठिता। (२९) नेमिनाथः ___ संवत् १२४५ वर्षे वैशाख वदि ५ गुरौ श्रीबृहद्गच्छे श्रीमदारासनक सत्क श्रीयशोदेवसूरि शिष्यैः श्रीदेवचंद्रसूरिभिः श्रीनेमिनाथप्रतिमा प्रतिष्ठिता कारिता च पुत्र महं० आमवीर श्रेयोर्थं ठ० श्रीनागपालेन। (३०) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थीः ___सं० १२४९ ज्येष्ठ सु० १०श्री ऊकेशवंशीय संघपति सावडभार्या धणसी श्रेयसे तत्पुत्रेः नारद प्रभृतिभिः श्रीपार्श्वनाथबिंब (बं) कारित (तं) श्री बृहद्गुरु श्री मुनिरत्नसूरिभिः। (३१) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थीः संवत् १२५१ वैशाख सुदि ९ श्रीवच्छ भार्या सूहव तत्पुत्र आसदेव यशोदेव य (श) श्चंद्र श्रीवच्छेन आत्मश्रेयोर्थं बिंब कारितं प्र० श्रीदेवाचार्गीयश्रीहेमसूरिभिः।। (३२) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थीः सं. १२६० वर्षे आषाढ़ वदि २. सोमे बृहद्गच्छे श्रे० राणिगेन पुत्र पाल्हण देल्हण जाल्हण आल्हण सहितेन भार्या वासली श्रेयोर्थं श्रीपार्श्वनाथ बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं हरिभद्रसूरि शिष्यैः श्रीधनेश्वरसूरिभिः।। २७. विमलवसही, आबू, प्रा० जे०ले०सं०, भाग २, लेखांक २०५. २८. विमलवसही, आबू, प्रा० जे०ले०सं०, भाग २, लेखांक २०७. २९. विमलवसही, आबू, प्रा००ले०सं०, भाग २, लेखांक २०८. ३०. वासुपूज्य जिनालय, शेख पाडो,अहमदाबाद, Jain Image linscripations of Ahmedabad . (J. I. I. A.), No. 2. ३१. महावीरस्वामी का मंदिर, अजारी, अ० प्रा००ले०सं०, (आबू, भाग ५) लेखांक ४१६. ३२. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणिजी का मंदिर, बीकानेर, बी०जै० ले०सं०, लेखांक १०५.

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