Book Title: Bruhadgacchiya Lekh Samucchay
Author(s): Shivprasad
Publisher: Omkarsuri Gyanmandir
View full book text
________________
४२
बृहद्गच्छीय लेख समुच्चय (१९७) धर्मनाथ-पंचतीर्थी
संवत् १५१८ वर्षे माघ सुदि ५ शुक्रे श्रीश्रीमालज्ञा० मं० बीसल भा० लाडी पु० आसाभा० जसमादे पु० तेजाकालाभा० ठवीचमकूसहिताभ्यां श्रीधर्मनाथबिंबं का०प्र० बृहद्गच्छे श्रीजयमंगलसूरिसंताने श्रीपुनचंदसूरिपट्टे श्रीकमलप्रभसूरिभिः ॥ (१९८) शान्तिनाथ
संवत् १५१८ वर्षे माघ सुदि १० सोमवारे उपकेशवंशे। श्रीवरहुडियागोत्रे । सा० अमरा पुत्र सा० दूसल पु०सा० खीमा भार्या श्रा० खेतलदे नाम्नी स्वश्रेयसे ------ - पु० मेडा सा० धरमा सहितेन श्रीशांतिनाथबिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीबृहद्गच्छे श्रीमुनीश्वरसूरिपट्टे श्रीरत्नप्रभसूरिपट्टे श्रीमहेन्द्रसूरिपट्टे श्रीरत्नाकरसूरिपट्टे श्रीगुणनिधानसूरि श्रीमेरुप्रभसूरिभिः ॥ शुभं भवतु ॥ (१९९) कुन्थुनाथ-पंचतीर्थी
संवत् १५१९ वर्षे वैशाख वदि १० ऊकेश ज्ञा०व्य० कृपा भा० सोषल सुत सूराकेन भा० शाणी सुत ठाकुर मेघादि कुटुंब युतेन श्रेयार्थं श्रीकुंथुनाथ बिंबं कारितं प्रतिष्ठितं श्रीसूरिभिः बृहद्गच्छे जीराउला श्रीउदयचंद्रसूरिभिः।। (२००) कुन्थुनाथ-पंचतीर्थी
॥ संवत् १५१९ वर्षे वैशाख वदि ११ शुक्रे उसवालज्ञातीय हारगोत्रे सं० रामा पु० सामंत भार्या सहजदे पु०सं० सिवाकेन आत्मश्रे० श्रीकुंथुनाथबिंबं का० बृहद्गच्छीय प्रत० श्रीदेवचंद्रसूरिभिः ॥ (२०१) सुमतिनाथ-पंचतीर्थी
संवत् १५१९ वर्षे ज्येष्ट (ष्ठ) सुदि ९ शुक्रे प्राग्वाट ज्ञा०व्य० नरपाल भा० भामलदे पु० रामाकेन भा० रामादे सुत सलिग जेसासहि० श्रीसुमतिनाथपंचती० बि०प्र० वृ(बृ)हद्ग० ब्रह्माणीय श्रीउदयप्रभसूरिभिः ॥ १९७. अजितनाथ जी का मंदिर, सुतार की खड़की, अहमदाबाद, जै० धा०प्र० ले०सं०, भाग १, लेखांक १३३९. १९८. शांतिनाथ मंदिर, भंडारस्थ प्रतिमा, पंचतीर्थी मंदिर, नाकोड़ा, नाकोड़ा तीर्थ श्रीपार्श्वनाथ, संपा०
विनयसागर, लेखांक ३४. १९९. पुरातत्त्व संग्रहालय, सिरोही, पटनी, पूर्वोक्त, लेखांक ६७, पृष्ठ ८४. २००. चन्द्रप्रभस्वामी का मंदिर, जैसलमेर, जै०ले०सं०, भाग ३, लेखांक २३४३. २०१. अनुपूर्ति लेख, आबू, अ० प्रा० जै०ले०सं०(आबू - भाग २), लेखांक ६४३.

Page Navigation
1 ... 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82