Book Title: Bruhadgacchiya Lekh Samucchay
Author(s): Shivprasad
Publisher: Omkarsuri Gyanmandir
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बृहद्गच्छीय लेख समुच्चय (२१७) आदिनाथ-पंचतीर्थी
॥ सं० १५२८ वर्षे चैत्र वदि ५ सो० उसवाल ज्ञातीय वीराणेचा गोत्रे सा० तोल्हा पुत्रेण सा० सहदेवेन भा० सुहागदे पु० डूंगर जिनदेव युतेन स्वपुण्यार्थं श्री आदिनाथबिंब कारितं प्र० श्री बृहद्गच्छे श्रीमेरुप्रभसूरि भ० श्रीराजरत्नसूरिभिः ॥ (२१८) वासुपूज्य-पंचतीर्थी
॥ संवत् १५२८ वर्षे वैशाख वदि ५ रवौ उपके० ज्ञा०सा० महिपा भा० राजू पु० जेसा माईया भा० धरमिणी सहिते पित्रोः श्रेयसे श्रीवासुपूज्यबिंब का० प्रतिष्ठितं श्रीबृह० श्रीवीरचन्द्रसूरि आ० श्रीधरप्रभसूरिसहितेन।। (२१९) शीतलनाथ-पंचतीर्थी
॥ सं० १५२८ वर्षे वैशाख वदि ६ चंद्रे उपकेशज्ञातौ दूगड़गोत्रे । सा० शिखर भा० घेली पुत्र धनपालेन भा० पासू नानिग सोनपाल प्रमुखसहितेन स्वश्रेयसे श्रीशीतलनाथबिंबं का०प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीमेरुप्रभसूरिभिः ॥ (२२०) शांतिनाथ-पंचतीर्थी
संवत् १५२८ वर्षे ज्येष्ठ सुदि १३ शुक्रे श्रीमालवंशीय चहचहियागोत्रे सा० देवा भा० हाली पु० रूडा भा० मंदोअरि पु० देवण बाला भा० थारू पु० टेका गिरराज बांलाकेन स्वपुण्यार्थं श्रीशांतिनाथबिंबं का०प्र० श्रीबृहद्गच्छे श्रीमाणिक्यसुन्दरसूरिभिः ॥ (२२१) संभवनाथ-पंचतीर्थी
सं० १५३० वर्षे माघ सुदि रवौ उपकेश ज्ञातीय श्रेष्ठि प्रथमा भार्या पांचीपुत्र परवत भार्या पाल्हणदे सहितेन मातृ सहितेन आत्मश्रेयोर्थं श्रीसंभवनाथबिंबं का० प्रतिष्ठितं बृहद्गच्छे वोकंडीयावंटके श्रीधर्मचंद्रसूरिपट्टे श्रीमलयचंद्रसूरिभिः ॥ २१७. महावीर स्वामी का मंदिर, बीकानेर, बी०जै० ले०सं०, लेखांक १३३७. २१८. पंचायती मंदिर, जयपुर, प्र०ले० सं०, भाग १, लेखांक ७०१. २१९. बड़ा मंदिर, नागोर, वही, लेखांक ७०३. २२०. गौडी पार्श्वनाथ मंदिर, पालिताणा, श० वै०, लेखांक १९६. २२१. वासुपूज्य मंदिर, रूपसुरचन्द्र की पोल, अहमदाबाद; J.I.I.A, No. 654.

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