Book Title: Bruhadgacchiya Lekh Samucchay
Author(s): Shivprasad
Publisher: Omkarsuri Gyanmandir
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बृहद्गच्छीय लेख समुच्चय
संवत् १४१२ वर्षे ------- वदि १ स्वाति नक्षत्रे बृहद्गच्छीय श्रीदेवेन्द्रसूरीणां पट्टे श्रीजिनचंद्रसरिपट्टालंकारहारैः श्रीरामचंद्रसूरिभिरात्मश्रेयसे श्रीपार्श्वनाथस्थ भु(भ)वने श्रीपार्श्वनाथस्य देवस्य देवकुलिकाकारिता ।
यावद्भूमौ स्थिरो मेरुर्यावचंद्रदिवाकरौ । आकाशे तपतस्तावनंदताद्देवकुलिका ॥ २ ॥ .
शुभं भवतु सकलसंघस्य जीरापल्लीयाना गच्छस्य च ॥ (१०२) नमिनाथ-पंचतीर्थी
सं० १४१४ वर्षे ज्येष्ठ वदि १३ रवौ ओसवालज्ञा० श्रे० लषमण आ० लषमादेनिमित्तं पु० रूदाकेन आत्मश्रेयसे श्रीनमिनाथबिंबं का० श्रीबृहद्गच्छे श्रीसत्यगुरु श्रीअमरचन्द्रसूरिभिः प्र० ॥ (१०३) आदिनाथ-पंचतीर्थी
सं० १४१७ ज्येष्ठ सुदि ९ व्य० सोनपाल भा० धरणू पु० सीहड़ वाहड़ सागण पितामह -------- श्रीआदिनाथ बिंबं का०प्र० बृहद्गच्छे ब्रह्माणीय श्रीविजयसेनसूरिपट्टे श्रीरत्नाकरसूरिभिः ॥ (१०४) स्तम्भलेख
॥ ० ॥ संवत् (१४१७ ?) आषाढ़ सुदि ५ गुरौ श्रीवृ(बृ)हद्गच्छीय श्रीमुनिशेखरसूरिशिष्यो मुनिनायकः श्रीनेमिनाथं नित्यं प्रणमति । . (१०५) पार्श्वनाथ-पंचतीर्थी
सं० १४१८ वर्षे वैशाख सुदि ७ -------- श्रीमालज्ञा० श्रे० -------- डा भार्या भाऊ पुत(त्र)रणसीहेन श्रीपार्श्वनाथबिंब कारा० प्रतिष्ठितं वृ(बृ)हद्गच्छेश श्रीहेमरत्नसूरिपट्टे शिष्यश्रीरत्नशेष(ख)रसूरीणामुपदेशेन । १०२. अजितनाथ जी का मंदिर, वीरमगाम, जै० घा०प्र० ले०सं०, भाग १, लेखांक १४९०. १०३. भण्डारस्थ प्रतिमा, चिन्तामणि जी का मंदिर, बीकानेर, बी०जै० ले०सं०, लेखांक ४३८. १०४. लूणवसही, आबू, अ० प्रा० जे०ले०सं०, (आबू- भाग-२) लेखांक ३८०. १०५. अनुपूर्ति लेख, आबू, अ० प्रा००ले०सं०, (आबू, भाग ५), लेखांक ५७४.

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