Book Title: Bruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 01 Author(s): Udaychandra Jain Publisher: New Bharatiya Book Corporation View full book textPage 9
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir (ix) सहयोग से इसे इस रूप में प्रस्तुत किया गया। जिन्होंने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप में इसे गतिशील बनाया उनका मैं हृदय से आभारी हूं। ___संस्कृत जगत् के वे सभी काव्यकार पूज्य हैं जिनकी विविध कृतियों को देखने का अवसर प्राप्त हुआ। मैं उनके शब्द सागर में प्रवेश नहीं कर पाया। परंतु यदा कदा जो कुछ भी उनसे ग्रहण किया या उन ग्रंथ कर्ताओं या उन संपादकों के पाठों को स्थान दिया। इसलिए मैं इस सहायता के लिए हृदय से आभार व्यक्त करता हूं। __ आभारी हूं हितैषियों का, सहयोगियों का और अत्यंत आशीष को प्राप्त हुआ मैं आचार्य विद्यानंद के चरणों में बारंबार नमोस्तु करता हूं और यही भावना व्यक्त करता हूं कि उनका आशीष तथा मुनि पुंगव सुधासागर की सुधामयी वाणी इस महाकवि आ० ज्ञान सागर संस्कृत हिन्दी शब्द कोश की ज्ञान गंगा को गतिशील बनाये रखेगी। विशेष आभार है उन व्यक्तियों का जिन्होंने मुझे बहुत सम्मान दिया और उत्तम सुझाव भी दिये। इस शब्द में गागर से सागर तक की यात्रा गृह आंगन में ही हुई जिसमें सहयोगी बने घर के सदस्य ही। श्रीमती डॉ० माया जैन ने गृहणी के उत्तरदायित्व के साथ-साथ इसे उपयोगी बनाने में भी सहयोग किया। पत्री पिऊ जैन एम- एस. सी० बी० एड०, एवं प्राची जैन के अक्षर विन्यास ने भी गति प्रदान की। मैं इस शब्द-कोश के प्रकाशक श्री सुभाष जैन, न्यू भारतीय बुक कारपोरेशन, दिल्ली का भी आभार व्यक्त करता हूं। जिन्होंने इसे छापकर जनोपयोगी बनाया। मैं, साहित्य मनीषियों से निवेदन करता हूं कि वे अपने सुझावों से इसे उपयोगी बनाने का प्रयत्न करेंगे ताकि आगे आने वाले संस्करण में यदि उनको समावेश किया गया तो अत्यंत प्रसन्नता का अनुभव करूंगा। २ अप्रैल, २००५ -डॉ० उदयचंद्र जैन For Private and Personal Use OnlyPage Navigation
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