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( १ ) २१ शान्तिनाथजी का मंदिर
. . यह उपरोक्त आदिनापजी के मंदिर के पास, कोचरों के उपाश्रय में देरासर के
कोचरों की गुवाड़ के पीछे जेल रोड़ पर दिगबर जैन धर्मशाला और नसियांजी है। २२ पायचंदसूरिजी का मंदिर-आदिनाथ मंदिर
गंगाशहर रोड यह गंगाशहर रोड पर है । कोचरों की गवाड़ से बीदासर की बारी से निकल कर इस मंदिर को जाने का मार्ग है.। यह बहुत विशाल जगह को घेरे हुए है । यहाँ सब से पहले सं० १६६२ में पार्श्वचंद्रसूरि के चरण स्थापित हुए इसीलिए इस नामसे प्रसिद्ध हैं। फिर इसी गच्छ के अन्य प्राचार्यों की शालाएं व पादुकाएं बनी। आदिनाथ मगवान का शिखरबंध मंदिर पीछे बना है। ___ काती सुदी १५ को बैंदों के महावीरजी से भगवान की सवारी निकल कर यहां जाती है और मिगसर बी २ को लौटती है ।
२३ रामलालजी की दादावाड़ी उपयुक्त मन्दिर के सामने महोपाध्याय वैद्यवर रामलालजी व गुरुदेव का मन्दिर है।
२४ दूगड़ों की दादाबाड़ी
इसी गंगाशहर रोड़ पर थोड़ा आगे जाने पर दूंगड़ों की बगेची में
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