Book Title: Bibipur sthit Chintamani Parshwanath Jinalayni Prashasti
Author(s): Suyashchandravijay, Sujaschandravijay
Publisher: ZZ_Anusandhan
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अनुसन्धान ४५
राजसागरसूरिजी
वृद्धिसागरसूरि
(गुणसागर पं. शान्तिसागर
कृपासागर
गणि दयालसागर (२)तिलकसागर
(३)माणिक्यसौभाग्य
लक्ष्मीसागरसूरि
विनयसागर
चतुरसौभाग्य
मानविजय
कल्याणसागरसूरि
दीपसौभाग्य
(४)पुण्यसागरसूरि
सत्यसौभाग्य
उदयसागरसूरि
(५)इन्द्रसौभाग्य
आनन्दसागरसूरि
पं.विवेकसागर वीरसौभाग्य
(६)हेमसौभाग्य
(७)शान्तिसागरसूरि
न्यायसागर
प्रेमसौभाग्य
(८'शान्तसौभाग्य (१) तेमनी सं. १६८३ मां रचायेल 'बारव्रतनी सज्झाय' प्राप्त थाय छे. (२) सं. १७२१ मां 'राजसागरसूरि निर्वाणरास' बनाव्यो. (३) वृद्धिसागरसूरिजीना सन्तानीय छे. तेमणे सं. १७७९ मां रचेल 'चित्रसेन
पद्मावती रास' अने सं. १६४७ मां रचेल ‘वृद्धिसागरसूरि निर्वाणरास' छपायेल छे.
तेमणे 'महावीरविज्ञप्तिषट्त्रिंशिका' संस्कृतमां रचेल छे. (६) सं. १७२१ मां 'राजसागरसूरि निर्वाणरास' बनाव्यो.
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