Book Title: Bhimsen Charitra Hindi Author(s): Ajitsagarsuri Publisher: Arunoday Foundation View full book textPage 4
________________ - 20 से 56 :Ya Gern “)मसेन चरि" सरि ५०५भारत को प्रोत्साहित m e Gre geet 2) 5-5 पाद विद्वान् सि ले - शिल्पी mrat - अजित HI) * * ने इसे लि५८ साहित्य जगत 56 + 64 +/R42) इस माल) सरल- रोच एवं रसद है।' राज1 से 199 जी41 42169 124 से परिपूर्ण है। इस+/i1 मानिस से जी41 PIर 400 को १२५तरित करने वाला। पास इसे अपना जी47 सी मारने 53) में मानस से (75 पाये। (14 संसार का भी सारा पायेगे। सो (H स 8 Cew Hने परियो और बने और Gनसे जीन का 55 58 बने। मसाला | ब. श्री कैलारसागर पूरि Jun Gun Aaradhak Trust P.P. Ac. Gunratnasuri M.S.Page Navigation
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