Book Title: Bhavisayatta Kaha
Author(s): Kavi Dhanpal, C D Dalal
Publisher: Baroda Central Library

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Page 323
________________ 98 ., परियणि " तव 9 कन्दु for कण्डु 7 चोरई चोरह 13 परियणु अणुज्जुअ-वकई , अणुज्जु अवका __ मणि व्वहइ , मणिव्वहइ XXII 12 किं खवयई , किंखवयई III. 4 सललिम ससलिल XXIII 8 तुरिय? , तरिव० 9 मयणुकोवणंग० , मयणुकोवणंगु तुरिय पमुहाइ ..., तरिवपमुहाइ. Ja12 मयरंदरसि , मयरंदरसु cobi reads toate and doubtIV 7 अहिसिंचिय फलमंगल० ,, अहिसिंचिय fully suggests TEET EIE as फलमंगल. explanation. But our read10 जुवाणभावि , जवाणुभाबि ing gives a clear sense the V4 दप्पसारु , दप्पसाडु people, i. e. the leader and विणयविहेय विणय विहेय others.' VII 5 पर महु . , परमहु | XXXIV 2 परिमुक्कचाय चक्कलिय० , परिIX 9 वणितणुरुह रहसेण ,, वणितणु रुहरहसेण मुक्कचायचक्कलिय० X6 पिउ , जंपिड 12 महुरसाई , मुहरसाई XI 4 सरूव दुकृत्तणु भासइ ,, सरूवदुकृत्तणुभासइ 16 कोवि च्छुडु , कोबिच्छुडु XII 8 एक्कसरीर० , एक्कुसरीर० SANDHI IV विहि भायहिं , बिहिभायहि II 6 मंच्छुड्डु . for मं च्छुडु XIII9 फुडु तडवियडपटुत्तरिण,फुडुतडवियड. 7 विसरियएणइ , विसरिय एणइ.JaXIV 5 तउ . cobi's text lacks some words 8 करहं तउ in the first half of the line. विमण्णिउं विमणि 11 मुफकुसु मत्तगउ , मुकं कुसुमत्त गउ 13 आसि गहणु आसिगहणु III 10 अइमुत्तयमंडइ दुभहो,, अइमुत्तयमंडइदुभहो णवि सड ण विसउ IV 4 संझतेयतंबिर सराय ,, संझतेयतविरसराय XVI 3 णेहमहातरु . ,, णेह महातरु वित, ____4 कलितरुवरहो , कलितरु वरहो V 3 गय पयहिणंति , गयपयहिणंति XVIII 7 बहु रइवयणालाउ , बहुरइ वयणालाव 14 सउरिसहं . , सरिसहो The XIX1 पुरिसव्वउ , पुरिसिम्बउ former would be more in 3 सुहपाणिग्गहणि , महिपाणिग्गहणि ___keeping with अवगणंतह 7 अम्हहं , अम्हहिं, VI 1 सुहिसयणमरणभउ., सहिसयण मरणभउ although the latter is not 5 णिरुद्धपवणुच्छवेण ,, णिरुद्ध पवणुच्छवेण quite incorrect. Possibly the VII 8 वियप्पएस , वियप्पए सु s is due to the influence of 9पुत्ति चोज्जु पुत्तिचोज्जु also the following word. _in 1. 10 and 11. XXI3 चायदायपाडिवाय, चाइदाइ etc. VIII7 ०पुरुसा इव ,पुरुसाइव But the latter, though a bit रंथि पलित्तइं , रंथिपलित्तई obscuring the sense, is not 14 सुरइ समत्तई सुरवइसम्मत्तई incorrect. 16 विहिवसेण , विविहिवसेण 5 मरिंद हो and समहडविंद हो ,, नरिंदहो ___णीसहसदुत्थई , णीसहसुदुत्थइ ससहविन्दहो. Jacobi reads नरिन्दो.| IX 2 सुख रवण्णउं , सुठुरवण्णउं " करंतउ 6 वितत्तु

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