Book Title: Bhavisayatta Kaha
Author(s): Kavi Dhanpal, C D Dalal
Publisher: Baroda Central Library
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100
6 गलियगव्व ववसायअणायर for गलियगध्व- |
ववसाय अणायर
9 मयादी XIX 2 मउअतूलपल्लं कि
3 कन्नोसन्नियवाहि
10 मसिखपरिण
XX 2 नं दाइड XXII 9 पर इत्तिउ
7 बहुव मि XXII 12 महि सारविय
,” मयणाउ दीउ अतूल पक
कोसनिय वाहि
4 विज्जयलिहिय
6 बहुबंध
9 भंडार
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5 बन्धुयत्ति
● दुव्वय पवित्तिए
०
8 बन्धुयत्तु चरि
IX 3 पोयंतरवरभवणि
6 निवलच्छिि
"
" नंदाइङ
ܕܖ
"
" बहु महंमि महिसारविय
उच्च वरासण
14] उच्चवरास XXIII 4 विसेसविहोएं XXIV 7 पुव्वकिय सहकम्मि, पुव्वकिय सहकमि
विसेस विदोएं
SANDHI VII
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कसमरहो
I 3 कम्मरहो The स म were evidently so read from a badly written
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विजय लिहिय
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29
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influenced by the foregoing
वहण हि.
8 निय सहस
1I 2 परिवढिय
3 तरे सह
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careless writing. 4 भवित्तु भविसयत्तु Metre requires only four syllables.
जा एसइ
4 जाएसइ 8 अणुज्जुअजं पणउं
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III 10 भाई
V2 कुलंगण हो VI 3 दुक्खमद्दन्नवि घित्तिङ,,
मसि खष्परिण
परइत्तिउ
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,, अणुज्जुअ जंपणउं
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कुलंगण हो
दुक्ख महन्न विधि -
त्तिउ
39
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बहुबंध भंडारहिं, latter
,, वन्युयत्तु
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निवसह एस
परिवद्धिय
नरेसहं due to
० दुव्वयणभवित्तिए
बन्घयत्तु चरि
पोयंतर वरभवणि
नियलच्छिहिं
3 दोत्थि
5 साणु गद्दहु
XI 2 सइच्छ०
7 हुअ
8 सलिलआवत्तइं
परम्हपत्तई
*
XII 7 अति
XIII7 जाणजंपाण
8 ० सुनितहिं वणिवि
सलिल आवतई
परम्मुह पत्त
9 आसन्नविद्दुरउल्लावइहिं,, आसन्न विर
उल्ल
अ संति
जाण जंपाण
० सुनिउत्त
वणि विहूइ
I 2 पवंचुअ विसुद्ध मणु II 4 परिहच्छु
for afte
XII 8 अद्धवहि
विणिग्य धाहिि
" साशुगद्दहु
" सइत्थ०
" हूअ
XV 3 वर
در
SANDHI VIII
XIX 4 सा अमियेण 16 विवाह किय
33
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18 तहिं जि महानरु II 1 अवलंबियधीरिं
39
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...
8 सयलसहि०
IV 4 वीरचरिउ
V5 निय वरविलयहि
8 अणेय उवाय 9 ० संगिच्छण
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VII 3 दंसणकोहलपिय इत्तिउ,,
39
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7 निहित्तचित्त 9 ताई IX 5 सुरेणुरयपिअरीड X 3 वणपूरउ XI 6 गुज्झावरणगूढ सुणिउत्त
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23
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" ताइ
دو
5 अम्हहं सिय
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XVI 7 दुक्खमहनवि ढोइय
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SANDHI
पवंचु अविसुद्ध ०
परिहत्थु
29
यहि ०
वीरच नियवरविलयहिं अणेय वाय
० संगिच्छइणई
"
निहित्त चित्त
दंसणु कोह पियइत्ति
सुरेणुरपिंजरी
वणतूरउ
""
गुज्झावरणगूढ
सुणिउत्त
अदवदिजि
विणिग्गय धाहिहिं
एवडंतरि
अम्हहंसिय
IX
दुक्ख महत्र विढोइय
सामियेण
विवाह
तहिं महान
अवलंब धीरिं

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