Book Title: Bhavisayatta Kaha
Author(s): Kavi Dhanpal, C D Dalal
Publisher: Baroda Central Library

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Page 383
________________ लावय लावक a bird M. बावी लाविय - see लेड Causal Past, Part. M. लाविला लावन - लावण्य लाह-लाभ Old M. लाहो लाइव -लाघव for-Skt. लिजइ D - ( = आदीयते ) from का Passive लित्त - लिप्त कील-लीला लिहs - लिखति M. लिहिणें लीह-रेखा लुंच - लचति 158 लुद- लुब्ध लुलिय- लुलित लुम्भ-लुभ्यते लुहइ D−(=मार्ष्टि ) लेइ - ( =लाति) लेस- लेश्य लोण - लवण in M. लोणचें & kind of pickle लोय-लोक ,, - कोच (i. e. केशलुञ्चनं ) in XXI 11, 7 कोयण - लोचन कोल - Skt. लाह-लोभ ,,—Skt. लोहजंघ - Name of a minister. See Introduction ल्हिकर D - ( = निलीयते ) Hc. Gr. IV 5, 5 निलीने णिलीअ ल्हिका: M. लिकणें to hide | व व-इव ,,-वा. होइ न होइ व जेइ I 4, 8 ० वइ-पति वइर-वैर वराय-वैराज air-for वरिय - 39 वइसवण-वैश्रवण वइसाहह - वैशाख वंस - वंश वंसयाल - वंशजाल वक - वाक्य वकरवक्र वक्खाणइ - व्याख्यानयति M. वाखाणणें • वख्खिय-पक्षक वग्ग-वर्ग वग्गइवल्गति ara - व्याघ्र M. वाघ वैंक-वक्र M. वांक. विवंक of Jacobi is due to bad splitting up of text मज्झि महत्तराण न कयाइवि वंकवि वंकु वुच्चए XII 5, 17- In the midst of great people, even a crooked man does not say crooked things.’ वंकुड =वंक M. वांकडा इ-वक्रयति वच्च - जति Hc. Gr. IV 225 जनृतमदां च Kon. वचत, G. वचकुं वचरा- (= Sk. वचा & herb that is supposed) when eaten, to clear the throat. eg . ब्राह्मी मुण्डी वचा संष्ठी पिप्पली मधुमिता । पञ्चरात्रप्रसङ्गेन को किलाः स्वर उच्यते ॥ ) XII 3, 23 वच्छल-वत्सल वच्छल - वात्सल्य वज्ज-वज्र वइज्जइ - see वयइ=त्रदति Passive साहम्मियब- वज्जइ - वर्जयति M. वजा करणें ) च्छल्लु वइज्जइ XX 11, 2 वच्छयल - वक्षःस्थल वच्छत्थल - Sktism वज्जरइ D - (= कथयति ) Hc. Gr. IV 2 कथे जर etc. वजावर - वादयति M. वाजवणें वज्जोयर - वज्रोदर A name

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