Book Title: Bhavisayatta Kaha
Author(s): Kavi Dhanpal, C D Dalal
Publisher: Baroda Central Library

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Page 322
________________ Emendations and Corrections to Mr. Dalal's text. (The Roman figures indicate the Kadavaka and the arabic ones the line.) ____ 10 अवरुंडइ XI 2 मुहमंडणु सई 3 अप्पुणु सई 6वरु for अवतुंडइ , महमंडणु सिउं , अप्पणु सिङ " संकतु वतु वरतरुणि वरततुणि 9घरु " तत्थहो " अहतु ० ० ० SANDHI I 11 Read सारु for सातु 9संकर II 2 दुद्धरवावारि दुग्धरवावारे 4 धणसंपय धणुसंपय 5 कह मुवमि कहमुवमि III 4 वरकईहुँ ,, वरकईहि __ महासईहुँ , महासईहि IV 1 अच्छा , अत्थर 3 ०संचएहि ,, संचयरहिं तत्थ हो 6 वद्धमाणु , वडभाणु V1 कुलजंगल , कुतुजंगल 30वित्तिविद्ध ,, वित्ति विडु V30कलमगोहण कलभि गोहण 60अवरुष्परु ०अवरुष्पर परिवडिय परिवडिय 10 तरु VI1 पसत्यु 4 चक्केसह चकेसतु 5 सणकुमार ,, सणकुमातु VI 3 दिवड्ट " ०दिवड्दु . -- 6 साह ०सातु वारु ,, ०वातु VIII 10वरु ०वतु 3 मणहरणथणिंदुअरविंद , मणहरणच्छ जिंदअरविंद 8 पुरवइ , पुरुष 146 संपहारु , संपहातु सारु. ०सातु 12 सुमुहुत्तु' " सुमहुत्तु X2 मवियड ,, सुवियह 4 कन्नावक्खिएहिं ,, कन्नाचक्खिरहिं 8 अहरफुरतियाहि , अहतु फुरतियाहि 13 "घतु " तंतु " पयत्यु XII 1 सासणभत्ती , सासणिभत्ती XIII2 पच्छपण समासइ, पच्छण्णसमासइ 3 सविणय कुलमजाय,, सविणयकुलमजाय XIV 3 अम्हतणु ,, अम्हतउ 9 तिवलितरंगई , तिवलि तरंगई 6 गुरुवयणु , गुतुवयणु SANDHI II I1पाउनिन्नासयह , पाउनिन्नासयतु 9 अहरु 12 पढमंकुरु , पदमंकुतु II 1 गुरुवयण "गुतुवयण III 1 घर IV 2 ताई तं जि तं जि ताई VI 8 गुरुवयण मि , गुरुवयणइम्मि VIII7 कंति पई , कंतिपई 8 मंड वलंति मंडवलंति x 13 Transfer whole line to the beginning of XI XI 10 दुल्ललिय , दुल्ललिए XII 1 मंभीसिवि लच्छिए ,, मं भीसि विलच्छिए 8 मग्गिवि , मग्गेवि metre requires ita" XIV2 सावन्नु सामानु. The former is the true Apbh. form and often occurs else. where in the poem. 7 परिहाणई , परिहणाई SANDHI III 16 जण मणि , जणमणि

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