Book Title: Bhattarak Sampradaya
Author(s): V P Johrapurkar
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 350
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३०४ भट्टारक संप्रदाय ३७ ६२१ भावसेन ( गोपसेन के शिष्य ) ६२५ माणिकनन्दि २०४ भावसेन ( धर्मसेन के शिष्य ) माणिकसेन २७-२८ ५५८,५७३ माणिक्यसेन भीमसेन ६५२ माधवसेन ( चन्द्रप्रभ के शिष्य ) १४ भुवनकीर्ति ( रत्नकीर्ति के शिष्य ) माधवसेन ( नेमिषेण के शिष्य ) ५४२ २७८-२७९ माधवसेन ( प्रतापसेन के शिष्य ) ५८० भुवनकीर्ति ( सकलकीर्ति के शिष्य ) मुनिचन्द्र ३४३-३५१ मुनिसेन । मलयकीर्ति (धर्मकीर्ति के शिष्य ) मुनीन्द्रकीर्ति ( राजेन्द्रकीर्ति के शिष्य )। ६६८-६३९ मलयकीर्ति ( यश कीर्ति के शिष्य ) मुनीन्द्रकीर्ति (क्षेमेन्द्रकीर्ति के शिष्य ) ५६३-५६४ नो. ५३ मल्लिभषण ४५८-४६३ मुनीन्द्रभूषण ३२३-३२४ महासेन ( गुणाकरसेन के शिष्य ) ६२६ मेघनन्दि महासेन (ब्रह्मसेन के शिष्य) ११ मेरुचन्द्र महीचन्द्र ( वादिचन्द्र के शिष्य ) मौनिभट्टारक ३२४ ४९९-५०० यश:कीर्ति (गुणकीर्ति के शिष्य ) महीचन्द्र ( विशालकीर्ति के शिष्य) ५५७-५६२ १९५-२०१ यश कीर्ति (नेमिचन्द्र के शिष्य ) २८८ महीचन्द्र ( सहस्रकीर्ति के शिष्य ) ६१२ यश:कीर्ति ( पद्मनन्दि के शिष्य, जेरहट) मही भूषण २००-२०३: ५२५-५२९ महेन्द्रकीर्ति ( देवेन्द्रकीर्ति के शिष्य, यश:कीर्ति (पद्मनन्दि के शिष्य, जयपुर) २७४ माथुर गच्छ) ५९७-५९८ महेन्द्रकीर्ति । देवेन्द्रकीर्ति के शिष्य, यशःकीर्ति ( रत्नकीर्ति के शिष्य ) नरेन्द्रकीर्ति के प्रशिष्य ) प्र. ६ महेन्द्रकीर्ति ( विद्यानन्द के शिष्य ) २९९ यश:कीर्ति ( रामकीर्ति के शिप्य ) ३९५ महेन्द्रभूषण ३२५-३२८ यश:कीर्ति (विजयसेन के शिष्य ) ६५५ महेन्द्रसेन ( केशवसेन के शिष्य ) ६२८ यशःकीर्ति (विमलकीर्ति के शिष्य ) ६४६ महेन्द्रसेन ( सकलचन्द्र के शिष्य ) यशःसेन ५९९-६०५ युक्तवीर For Private And Personal Use Only

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