Book Title: Bhattarak Sampradaya
Author(s): V P Johrapurkar
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur
View full book text
________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
३०८
भट्टारक संप्रदाय
क्षेमेन्द्रकीर्ति (महिन्द्रकीति के शिष्य) २७६ शानभूषण ( रत्नकीर्ति के शिष्य ) नो. ५३ क्षेमेन्द्रकीर्ति (हेमकीर्ति के शिष्य) नो.५३ शानभूषण (वीरचन्द्र के शिष्य ) ज्ञानकीर्ति ३९६-३९८
४८०-४८६ शानभूषण (भुवनकीर्ति के शिष्य) शानभूषण (शीलभूषण के शिष्य) ३१०
परिशिष्ट ४, आचार्यादि-नामएची [ भट्टारकों के शिष्यों में सम्मिलित मुनि, आर्यिका आदि]
६५५-६५६
२७१
५१४ ६९४ २०० २७४
अजित
४३६ कृष्णदास अनन्तकीर्ति
४०२ खुशालदास अनन्तमती
६५६ गुणदास अमरकीर्ति
४५९ गुणनन्दि अमरजी
४१५ गुणसागर अर्जुनसुत
६२,६९ गुणसेन आगमभी
२४४,३०८ गोमटसागर আয়ামৰ
६३२ गोवर्धनदास इन्दुमती
१८१ गौतमसागर कमलकीर्ति
४९७ गंगादास
४०८/चन्द्र कल्याणकीर्ति (सूरत)
४५१ चन्द्रसागर कल्याणकीर्ति (ईडर) ३९०-३९१ चन्दाबाई कल्याणकीर्ति ( लासमागा) ६३४ चारित्रश्री कल्याणभी
४५८ चासकीर्ति कामराज
. ३८९ चिरन
३९७ चोखचन्द्र
कर्मसी
१३७,१३९-१४५
७६३
२४४,३०९ १२५,२५३
कुबेर
For Private And Personal Use Only

Page Navigation
1 ... 352 353 354 355 356 357 358 359 360 361 362 363 364 365 366 367 368 369 370 371 372 373 374