Book Title: Bhattarak Sampradaya
Author(s): V P Johrapurkar
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 356
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भूप ४०८ १६१ १५२,१५५ ७४१ भूपति ७२०-७२४ २७१ ६१५ ३८९ २४४ १०२ भट्टारक संप्रदाय भीमसेन २५३ रायमल्ल ६४३ रूपचंद ७३५ रूपजी भोज ३१० रूपसागर मकरन्द २१७ लक्ष्मण (सूरत) मतिसागर ४५१ लक्ष्मण ( नन्दीतर) मदनकीर्ति २५४-२५५ लक्ष्मीदास मदनदेव २४५ लालचन्द्र (इंडर) मनजी ६६६ लालचन्द्र (माथुर) मल्लिदास ३४४ लालजी महतिसागर १९०--१९२ लोकश्री महाकीर्ति २०१ वर्धमान महेन्द्रदत्त ४४२ वानारसीदास महेन्द्रसेन ६.७४--६७५ विद्यासागर मांडण ५७३ विनयश्री माणिकनन्दि १६२ विमलकीर्ति माणिक्यराज ५९६ विश्वनाथ द्विज मेधावी (मीहा ) २५३,२५६,२५८ वीरजी यश ४०८ वीरदास ( कारंजा ) . ५६०-५६१ वीरदास ( नन्दीतट) रतन ७४,७८ वीरमती रत्नकीर्ति ( सेनगण) ८१ वृषभ रस्नकीर्ति ( माथुर) ५८९ शालिवाहन रत्नश्री ४५८ शान्तमती रत्नसागर १५२--१५५ शान्तिदास. ८३,४६७ शिखरश्री राजन भट्ट . ६८० शंकर राजमल्ल (माथुर) ५७८,५७९ श्रीपति ५९८,६०६ श्रुतकीर्ति ( ईडर ) राजमल्ल (नन्दीतट) ६९१ श्रुतकीर्ति ( जेरहट ) २४४ २५८ ७४३ १५३,१५५ ११६--११७ रइधू ५२२ १८१--१८५ १८१ ४७५ राघव ३८० ७३४ ३९०--३९१ ५२३-.५२४ For Private And Personal Use Only

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