Book Title: Bhattarak Sampradaya
Author(s): V P Johrapurkar
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 360
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भट्टारक संप्रदाय दशभक्त्यादि महाशास्त्र नरेन्द्रसेन पूजा ९९, १०१, १०२ नवकार पचीसी दशलक्षण कथा ७०२ नववाडी दशलक्षण पूजा ५१८ / नवांककेवली ६०४ देवेन्द्रकीर्ति पूजा १६१ नागकुमारचरित २६४, २६७, ४६८ देवेन्द्रकीर्ति लावणी १९० / निर्दुःख सप्तमी कथा द्रौपदी हरण ५३ निर्दोष सप्तमी कथा १८२ द्वात्रिंशदिन्द्रकेवली ६०५ निःशल्याष्टमी कथा ७०६ द्वात्रिंशिका ५४८ नीतिवाक्यामृत २५८ द्वादशांगपूजा ६८७ नेमिनाथ चरित ( अमरकीर्ति) ५५४ द्वादशानुप्रेक्षा ११०, ६७८ नेमिनाथ चरित २५१ द्वादशी कथा ७०१ नेमिनाथ धर्मोपदेश ६९६ धनकुमार चरित ४३७ नेमिनाथ पूजा ( देवेन्द्रकीर्ति ) धनदचरित ५७५ नेमिनाथ पूजा (ज्ञानसागर) ६९७ धर्मचन्द्र पूजा १२६ नेमिनाथ भवान्तर १९८ धर्मचरित टिप्पण ५५३ न्यायदीपिका धर्मपरीक्षा ( अमितगति) ५४४ पद्मचरित २५५ धर्मपरीक्षा (श्रुतकीर्ति) ५२४ पद्मचरित टिपण ८८ धर्मपरीक्षा रास (जिनदास) ३४७ पद्मनन्दि पंचविंशतिका ३२६,३६५ धर्मपरीक्षा रास ( सुमतिकीर्ति) ४८८ पद्मनाभचरित धर्मरत्नाकर • ६२५ पद्मावती कथा धर्मरसिक ४१ पद्मावती पूजा धर्मसंग्रह २५९ पद्मावती सहस्रनाम धर्मामृत वृत्ति ३७५ पद्मावती स्तोत्र (छत्रसेन) ५९ धर्मोपदेशचूडामणि ५५३ पद्मावती स्तोत्र (जिनसागर) १७५ धवला १परमेष्ठिप्रकाशसार ५२४ ध्यानप्रदीप ५५३ पल्यविधान कथा ( श्रुतसागर ) ४६३ नन्दीश्वर उद्यापन १७१ पल्यविधान कथा ( ज्ञानसागर ) ७०५ नन्दीश्वर कथा ३७४ पल्योपम विधान ३७५ नन्दीश्वर पूजा ११२, १८७, ७१२ पंचकल्याणिक कथा १९२ For Private And Personal Use Only

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