Book Title: Bhattarak Sampradaya
Author(s): V P Johrapurkar
Publisher: Jain Sanskruti Samrakshak Sangh Solapur

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Page 349
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra धर्मचन्द्र ( श्रीभूषण के शिष्य ) भट्टारक नाम सूची | नेमिषेण ( नन्दीतर गच्छ )" २९२ - २९३ | नेमिषेण ( माथुर गच्छ ) धर्मभूषण ( अमरकीर्ति के शिष्य ) पद्मकीर्ति ( धर्मकीर्ति के शिष्य ) ९५-९६ पद्मकीर्ति ( विशालकीर्ति के शिष्य ) २०७-२०१ पद्मनन्दि ( चन्द्रकीर्ति के शिष्य ) नो. ५३ पद्मनन्दि ( देवेन्द्रकीर्ति के शिष्य ) नो. २९ पद्मनन्दि ( प्रभाचन्द्र के शिष्य ) २३७-२४१ | पद्मनन्दि ( रामकीर्ति के शिष्य ) धर्मभूषण ( धर्मचन्द्र के शिष्य, कुमुदचन्द्र के प्रशिष्य ) १२७- १३५ भू ( धर्मचन्द्र के शिष्य, देवेन्द्र कीर्ति के प्रशिष्य ) १०६ - १०७ भूषण ( वर्धमान के शिष्य ) ९६-९७ धर्मभूषण ( शुभकीर्ति के शिष्य ) ९५--९६ धर्मसेन ( लक्ष्मीसेन के शिष्य ) www.kobatirth.org ६६७--६६८ धर्मसेन (विमलसेन के शिष्य ) ५५८,५७३ ६२५ १९ ११ धर्मसेन ( शान्तिषेण के गुरु ) धारसेन नयनन्दि नयसेन ५८२ नरेन्द्रकी र्ति (देवेन्द्रकीर्ति के शिष्य ) २६९ नरेन्द्रकीर्ति ( मलकीर्ति के शिष्य ) नेमिचन्द्र ( श्रीधर के शिष्य ) नेमिचन्द्र (सहस्रकीर्ति के शिष्य ) पद्मप्रभ पद्मसेन नरेन्द्रकीर्ति ( सुखेन्द्र कीर्ति के शिष्य ) प्र. ६ नरेन्द्रकीर्ति ( क्षेमकीर्ति के शिष्य ) नरेन्द्र भूषण नरेन्द्रसेन ६४--६९ । बालचन्द्र नागेन्द्र कीर्ति २२१--२२२ | ब्रह्मसेन नेमिचन्द्र (विजयकीर्ति के शिष्य ) ३९४ | भवन भूषण Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ३८७--३८९ पद्मनन्दि ( सहस्रकीर्ति के शिष्य ) प्र. १२ पद्मनन्दि ( हेमचन्द्र के शिष्य ) पलपण्डित प्रतापकीर्ति | प्रभाचन्द्र ( जिनचन्द्र के शिष्य ) २६५-२६८ प्रभाचन्द्र ( बालचन्द्र के शिष्य ) १५ ६४०--६४१ | प्रभाचन्द्र ( रत्नकीर्ति के शिष्य ) २३३-२३६ २८५--२८७ | ३९३ प्रभाचन्द्र ( ज्ञानभूषण के शिष्य ) नो. ५६ ३०३ ६५० ५४२ ५३६ For Private And Personal Use Only ५९६ ९१ ६३२--६३४ १५ ६४२--६३४ ४८७--४९० ३०१ ९१ | भानुकीर्ति ( गुणभद्र के शिष्य ) ५७६ भानुकीर्ति ( यशःकीर्ति के शिष्य ) १५ ११ २८९-२९०

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