Book Title: Bharat Jain Mahamandal ka 1899 Se 1947 Tak ka Sankshipta Itihas Author(s): Ajit Prasad Publisher: Bharat Jain Mahamandal View full book textPage 6
________________ जैन धर्म भूषण, जैन धर्म दिवाकर अद्वितीय धर्म प्रचारक, समाजोद्धारक अन्यकर्ता, उपदेशक, पत्र-सम्पादक सप्तम प्रतिमाघारी, अथक परिश्रमी शान्त परिणामी, परीसह-जयी । कलकत्ता अधिवेशन १९१७ के सभाध्यक्ष स्वर्गीय ब्रह्मचारी शीतल प्रसाद चरण कमल सविनय समर्पितPage Navigation
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