Book Title: Bhagwati sutram Part 02
Author(s): Abhaydevsuri, 
Publisher: Agamoday Samiti

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Page 5
________________ दियपओगपरिणया णं पुच्छा, गोयमा!तिविहा पन्नत्ता, तंजहा-जलचरपंचिंदियतिरिक्खजोणिय थलचरतिरिक्खजोणियपंचिंदिय० खहचरतिरिक्खपंचिंदिय०, जलयरतिरिक्खजोणियपओगपुच्छा, गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-समुच्छिमजलयर० गम्भवतियजलयर०, थलयरतिरिक्ख० पुच्छा, गोयमा ! दुविहा पहै नत्ता, तंजहा-चउप्पयथलयर० परिसप्पथलयर, चउप्पयथलयर० पुच्छा, गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहा समुच्छिमचउप्पयथलयर० गन्भवतियचउप्पयथलयर०, एवं एएणं अभिलावेणं परिसप्पा दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-उरपरिसप्पा य भुयपरिसप्पा य, उरपरिसप्पा दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-संमुच्छा य गन्भवतिया य, एवं भुयपरिसप्पावि, एवं खहयरावि । मणुस्सपंचिंदियपयोगपुच्छा, गोयमा ! दुविहा पन्नत्ता, तंजहासंमुच्छिममणुस्स० गन्भवतियमणुस्स० । देवपंचिंदियपयोगपुच्छा, गोयमा ! चउबिहा पन्नत्ता, तंजहा|भवणवासिदेवपंचिंदियपयोग एवं जाव वेमाणिया। भवणवासिदेवपंचिंदियपुच्छा, गोयमा ! दसविहा पन्नत्ता, तंजहा-असुरकुमारा जाव थणियकुमारा, एवं एएणं अभिलावणं अट्टविहा वाणमंतरा पिसाया जाव गंधवा, जोइसिया पंचविहा पन्नत्ता, तंजहा-चंदविमाणजोतिसिय जाव ताराविमाणजोतिसियदेव०, वेमाणिया दुविहा पन्नत्ता, तंजहा-कप्पोववन्न कप्पातीतगवेमाणिय, कप्पोवगा दुवालसविहा पण्णत्ता, || तंजहा-सोहम्मकप्पोवग० जाव अचुयकप्पोवगवेमाणिया । कप्पातीत०, गो०! दुविहा पण्णत्ता, तंजहा|गेवेजकप्पातीतवे. अणुत्तरोववाइयकप्पातीतवे०, गेवेजकप्पातीतगा नवविहा पण्णत्ता, तंजहा-हेट्ठिम २ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org

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