Book Title: Bhagwati sutram Part 02 Author(s): Abhaydevsuri, Publisher: Agamoday Samiti View full book textPage 9
________________ कम्मासरीरपयोगपरिणया ते सोइंदियचक्खिदिय जाव फासिंदियपयोगपरिणया ५॥ जे अपजत्ता सुहमपुढविकाइयएगिदियपयोगपरिणया ते वन्नओ कालवनपरिणयावि नील. लोहिय. हालिद्द० सुकिल्ल. गंधओ सुन्भिगंधपरिणयावि दुन्भिगंधपरिणयावि रसओ तित्तरसपरिणयावि कडुयरसपरिणयावि कसायरसप० | अंबिलरसप० महुररसप० फासओ कक्खडफासपरि० जाव लुक्खफासपरि० संठाणओ परिमंडलसंठाणपरिणयावि वह तंस. चउरंस. आयतसंठाणपरिणयावि, जे पज्जत्ता सुहमपुढवि. एवं चेव एवं जहाणुपुबीए नेयवं जाव जे पज्जत्ता सबसिद्धअणुत्तरोववाइय जाव परिणयावि ते वनओ कालवनपरिणयावि जाव आययसंठाणपरिणयावि ६॥ जे अपज्जत्ता सुहुमपुढवि० एगिदियओरालियतेयाकम्मासरीरप्पयोगपरिणया ते वन्नओ कालवनपरि० जाव आययसंठाणपरि० जे पज्जत्ता सुहुमपुढवि० एवं चेव, एवं जहाणुपुवीए नेयवं |जस्स जइ सरीराणि जाव जे पज्जत्ता सव्वट्ठसिद्धअणुत्तरोववाइयदेवपंचिंदियविउव्यितेयाकम्मासरीरा जाव परिणया ते वन्नओ कालवन्नपरिणयावि जाव आयतसंठाणपरिणयावि ७॥ जे अपज्जत्ता सुहमपुढविकाइयएगिदियफासिंदियपयोगपरिणया ते वन्नओ कालवनपरिणया जाव आययसंठाणपरिणयावि जे पज्जत्ता सुहुमपुढवि एवं चेव एवं जहाणुपुवीए जस्स जइ इंदियाणि तस्स तत्तियाणि भाणियवाणि जाव जे पज्जत्ता सवदृसिद्धअणुत्तरजावदेवपंचिंदियसोइंदिय जाव फासिंदियपयोगपरिणयावि ते वन्नओ कालवनपरिणया जाव आययसंठाणपरिणयावि ८ ॥जे अपज्जत्ता सुहुमपुढविकाइयएगिंडिओरालियतेयाकम्माफासिंदिद्यपयो- 8 96464545455 dain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.orgPage Navigation
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