Book Title: Balbodh 1 2 3
Author(s): Hukamchand Bharilla
Publisher: Todarmal Granthamala Jaipur

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Page 2
________________ यह पंच नमस्कार मंत्र सब पापों का नाश करनेवाला है तथा सब मंगलों में पहला मंगल है। यह मंत्र मोह-राग-द्वेष का अभाव करनेवाला और सम्यग्ज्ञान प्राप्त करानेवाला है। अरहंत, सिद्ध, आचार्य, उपाध्याय और साधु ये पाँचों परमेष्ठी कहलाते हैं। जो जीव इन पाँचों परमेष्ठियों को पहिचान कर उनके बताये हए मार्ग पर चलता है उसे सच्चा सुख प्राप्त होता है। अरहंत परमेष्ठी सिद्ध परमेष्ठी प्रश्न १. णमोकार मंत्र शुद्ध बोलिए। २. इस मंत्र में किसको नमस्कार किया गया है? ३. इस मंत्र के स्मरण से क्या लाभ है? ४. पंच परमेष्ठियों के नाम बताइये। ५. सच्चा सुख कैसे प्राप्त होता है? आचार्य परमेष्ठी उपाध्याय परमेष्ठी साधु परमेष्ठी

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