Book Title: Balavbodh Mokshmala
Author(s): Mansukhlal Ravjibhai Mehta
Publisher: Mansukhlal Ravjibhai Mehta

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Page 5
________________ परिचय. "The more I consider his life and his writings, • the more I consider him to have been the best Indian of his times. Indeed I put him much higher than Tolstoy in religious perception. Both Kavi and Tolstoy have lived as they have preached.” -Mr. M. K. Gandhi. ___“जेम जेम हुं तेओना जीवननी अने तेओना लखाणोनो विशेष विचार करुं छु, तेम तेम मारी विशेष प्रतीति थाय छे के तेओ एमना समयना सर्वोत्कृष्ट हिंदी हता. खरेखर, हुं तेओने टॉल्स्टॉय करतां धार्मिक स्वानुभव-आत्मानुभवमा विशेष गणुं छं. कवि अने टॉल्स्टोय बन्नेए जेवा प्रकारनो तेओए उपदेश आप्यो छे ते प्रमाणेनुंज चारित्र पाळ्यु छे." -मी. एम. के. गांधी. ___ काउन्ट टॉल्स्टॉय नामना रश्यन फिलसुफनुं नाम जगत्प्रसिद्ध छे. तेओ एक समर्थ राज्यद्वारी होवा छतां धर्म संबंधीना विषयोमां पण एक तत्त्वज्ञानी तरीकेनी कीर्ति संप्राप्त करी शक्या हता, एवी तेओनी धर्मविचारशोधकबुद्धि हती. तेओना विचारो पश्चिम भणीना संस्कारो करतां पूर्वभणीना संस्कारोने विशेष मळता आवे छे. आ समर्थ रश्यन फिलसुफनी सरखामणी कविना विरुदथी प्रख्यात थयेल स्वर्गीय श्रीमान् राजचंद्रनी साथे हालमां करवामां आवी छे. दक्षिण आफ्रिकामां एश्याटिकोनां हितने माटे अनेक संकटो भोगवी आजे सुधरेली गणाती पृथ्वी उपर श्रीयुत मोहनदास करमचंद गांधी, बॅरीस्टर-अॅट-लॉए पोतानुं नाम अमर कयु छे. श्रीयुत गांधीने श्रीमान् राजचंद्रनी साथे जाति समागम हतो. श्रीयुत गांधीए दक्षिण आफ्रिकामां आवेल नॅटाल देशना हिंदीओ प्रत्ये एक पत्र लख्यो छे. आ पत्रमा तेओए उपर्युक्त सरखामणी-श्रीमान् राजचंद्रनी अने काउन्ट टॉल्स्टॉयनी करी छे.

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