Book Title: Avashyaksutra Niryuktirev Curni Part_1
Author(s): Sundarsuri, Pramodsagar
Publisher: Devchand Lalbhai Pustakoddhar Fund

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Page 235
________________ श्रीधीरसुन्दरसू० आव०अवचूर्णिः २३१॥ 新新新新新新新斷斯,對所 फग्गुणबहुले छट्ठी विसाहजोगे सुपासनामस्स ७। फग्गुणबहुले सत्तमि अणुरोह ससिप्पहजिणस्स ८ ॥२४४॥ कत्तिअसुद्धे तइया मूले सुविहिस्स पुष्पदंतस्स ९ । पोसे बहुलचउद्दसि पुव्वासाढाहि सीअलजिणस्स १० ॥२४५॥ पण्णरोस माहबहुले सिज्जसजिणस्स सवणजोएणं ११ । सयभिय वासुपुज्जे बीयाए माहसुद्धस्स १२ ॥२४६॥ पोसस्स सुद्धछट्ठी उत्तरभद्दवय विमलनामस्स १३ । वइसाह बहुलचउदसि रेवइजोएणणंतस्स १४ ॥२४७॥ पोसस्स पुण्णिमाए नोणं धम्मस्स पुस्सजोएणं १५। पोसस्स सुद्धनवमी भरणी जोगेण संतिस्स १६ ॥२४॥ | गाथा-२४४ ४८ ॥२३॥ Jain Education International For Private & Personal use only www.jainelibrary.org

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