Book Title: Apbhramsa Sahitya
Author(s): Harivansh Kochad
Publisher: Bhartiya Sahitya Mandir

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Page 425
________________ अपभ्रंश-साहित्य का हिन्दी साहित्य पर प्रभाव (ii) जे मइँ दिण्णा दिअहडा दइऍ पवसंतेण ताण गणंतिए अंगुंलिउ जज्जरिआउ णहेण ॥ ( हेमचन्द्र प्रा० ध्या० ) सखि मोर पिया अजहुँ न आओल कुलिश हिया । नखर खोआयलु दिवस लिखि लिखि, नयन अँधायलु पिय-पथ (iii) जहि मन पवन न संचरइ, रवि तहि बट चित्त विसाम करु, सरहे पेखि ॥ ( विद्यापति ) पवेस । शशि नाह कहिअ उवेस ॥ ( सरहपा ) । जिहि बन सीह न संचरें, पंखि उड़े नहि जाय रैति दिवस का गम नहीं, तह कबीर रहा लो लाइ ॥ (iv) बहु पहरेहि सूरु अत्थमियउ, अहवा काइ सीसए । जी वारुणि रत्तु सो उग्गुवि, कवणु ण कवणु णास ॥ (नयनन्दी) जहीं वारुणी की करी, रंचक रुचि द्विजराज । तहीं कियो भगवंत बिन, संपति सोभा साज ॥ ૪૭ ( कबीर ) (केशव) इस प्रकार निष्कर्ष रूप से यही कहा जा सकता है कि हिन्दी साहित्य के विभिन्न काव्यरूपों, भिन्न भिन्न कालों के प्रतिनिधि कवियों के काव्यों और काव्य-पद्धतियों की रूप रेखा के दर्शन संक्षेप से हमें अपभ्रंश साहित्य में मिल जाते हैं । हिन्दी साहित्य के विविध काव्यरूपों में प्राप्त भावधारा भी बीज रूप से अपभ्रंश साहित्य में मिलती है । हिन्दी साहित्य के काव्यों में कहीं काव्य का बाह्य रूप, कहीं काव्य पद्धति, कहीं भावअपभ्रंश काव्यों के आधार धारा, कहीं इनमें से एक और कहीं एक से अधिक तत्व, पर विकसित हुए, इस कथन में कोई अतिशयोक्ति नहीं । अपभ्रंश के छन्दों का भी हिन्दी साहित्य पर प्रभाव पड़ा। हिन्दी साहित्य का कला पक्ष भी अपभ्रंश साहित्य का ऋणी है । इस विवेचन से अपभ्रंश साहित्य की महत्ता हमारे सामने स्पष्ट हो जाती है । हिन्दी साहित्य के विकास में अपभ्रंश साहित्य का जो हाथ है उसको ध्यान में रखते हुए अपभ्रंश साहित्य की उपेक्षा करना हिन्दी साहित्य के लिए घातक होगा । अन्त में इस महत्वपूर्ण विषय की ओर ध्यान दिलाना परम आवश्यक है कि वर्तमान राष्ट्रभाषा का विकास अपभ्रंश से ही हुआ । कतिपय उर्दू भक्तों का यह कथन है कि हिन्दी की खड़ी बोली उर्दू भाषा का रूपान्तर है। उर्दू प्राचीन है और हिन्दी की खड़ी बोली नवीन । कहते हैं कि उर्दू में से फारसी अरबी के शब्द निकाल कर उनके स्थान पर संस्कृत के शब्दों का प्रयोग कर हिन्दीवालों ने खड़ी बोली बना ली। इस मत का खंडन करने के लिए अपभ्रंश से बढ़ कर कोई सबल प्रमाण नहीं । अपभ्रंश भाषा के

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