Book Title: Apbhramsa Sahitya
Author(s): Harivansh Kochad
Publisher: Bhartiya Sahitya Mandir

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Page 430
________________ लखनदेव या लक्ष्मणदेव अम्बदेव णेमिणाह चरिउ समरारास वि० सं० १५१० से पूर्व वि० सं० १३७१ धनपाल विद्यापति यशःकीर्ति रयधू बाहुबलि चरित वि० सं० १४५४ कीतिलता वि० सं० चौदह-पन्द्रह शताब्दी पांडव पुराण वि० सं० १४९७ हरिवंश पुराण वि० सं० १५०० बलभद्र पुराण, पद्म पुराण (?) सुकौशल चरित, पन्द्रहवीं-सोलहवीं शताब्दी आत्म संबोध काव्य, धनकुमार चरित, मेघेश्वर चरित, श्रीपाल चरित, सन्मतिनाथ चरित हरिवंश पुराण वि० सं० १४९७ परमेष्ठि प्रकाश सार वि० सं० १५५३ श्रीपाल चरित, वि० सं० १५१२ से पूर्व ? वर्द्धमान कथा वर्द्धमान चरित्र वि० सं० १५४५ से पूर्व ? अमरसेन चरित्र वि० सं० १५७६ नागकुमार चरित्र वि० सं० १५७९ शान्तिनाथ चरित्र वि० सं० १५८७ मयण जुज्झ वि० सं० १५८९ २२ व तीर्थंकार नमिनाथ का चरित्र-वर्णन संघपति देसल के पुत्र समरसिंह को दानवीरता का वर्णन प्रथम कामदेव बाहुबलि का चरित्र-वर्णन राजा कीर्तिसिंह का यशगान पांडवों की कथा का वर्णन महाभारत की जैनधर्मानसार कथा जैनधर्मानुकल पांडवों की कथा , राम कथा सुकौशल मनि का चरित्र वर्णन अध्यात्म महापुरुषों के चरित्र अन्तिय तीर्थंकर महावीर के चरित्र का वणन जन धर्मानकूल महाभारत की कथा . धर्मोपदेश श्रीपाल का चरित्र-वर्णन तीर्थकर महावीर की कथा तीर्थंकर महावीर का चरित्र-वर्णन अमरसेन का चरित्र-वर्णन नागकुमार की कथा शान्तिनाथ का चरित्र-वर्णन भगवान् पुरुदेव द्वारा किये मदन-पराजय का वर्णन चन्द्रलेखा एवं सागरचन्द्र का चरित्र-वर्णन तथा चन्द्रलेखा के शीलव्रत का माहात्म्य • अपभ्रंश साहित्य श्रतकीर्ति नरसेन जयमित्र हल्ल माणिक्य राज महिन्दु बच्चराय भगवतीदास मृगांकलेखा चरित्र वि० सं० १७००

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