Book Title: Apbhramsa Bharti 1992 02
Author(s): Kamalchand Sogani, Gyanchandra Khinduka, Chhotelal Sharma
Publisher: Apbhramsa Sahitya Academy
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अपभ्रंश-भारती-2
अपभ्रंश भारती (शोध-पत्रिका) सूचनाएं
1. पत्रिका सामान्यतः वर्ष में दो बार प्रकाशित होगी । 2. पत्रिका में शोध-खोज, अध्ययन-अनुसंधान सम्बन्धी मौलिक अप्रकाशित रचनाओं
को ही स्थान मिलेगा । 3. रचनाएं जिस रूप में प्राप्त होंगी उन्हें प्रायः उसी रूप में प्रकाशित किया जायगा।
स्वभावतः तथ्यों की प्रामाणिकता आदि का उत्तरदायित्व रचनाकार का होगा। 4. यह आवश्यक नहीं कि प्रकाशक, सम्पादक लेखकों के अभिमत से सहमत हो। 5. रचनाएं कागज के एक ओर कम से कम 3 सें. मी. का हाशिया छोड़कर सुवाच्य
अक्षरों में लिखी अथवा टाइप की हुई होनी चाहिए । 6. रचनाएं भेजने एवं अन्य सब प्रकार के पत्र-व्यवहार के लिए पता -
सम्पादक
अपभ्रंश भारती दिगम्बर जैन नसिया भट्टारकजी
सवाई रामसिंह रोड जयपुर-302004