Book Title: Anusandhan 2016 05 SrNo 69 Author(s): Shilchandrasuri Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad View full book textPage 6
________________ अनुक्रम ११ १७ २२ सम्पादन कवि-श्रीरूपचन्द्रजी-रचित वियोगिनीछन्दोबद्धा विज्ञप्तिद्वात्रिंशिका - सं. मुनि सुयशचन्द्रविजय गणि मुनि सुजसचन्द्रविजय गौतमस्वामिस्तुतिः (अनुबन्धफलगर्भा) - सं. पं. अमृत पटेल श्रीऋषभदेवनी २ स्तुतिओ - सं. विजयशीलचन्द्रसूरि पं. श्रीविवेकसागरगणिरचित-अक्षरार्थप्रकाशिनीवृत्तियुतं । श्रीपार्श्वजिन-यमकबद्धस्तवनम् - सं. मुनि कल्याणकीर्तिविजय विषमव्याख्याकाव्यानि - सं. मुनि कल्याणकीर्तिविजय श्रीअक्षयचन्द्र वाचक पर प्रेषित एक लेखपत्र - सं. विजयशीलचन्द्रसूरि वाचकश्रीसकलचन्द्रगणिरचितं गणधरप्रबोधश्रीवर्धमानस्तवनम् - सं. विजयशीलचन्द्रसूरि श्रीजयवन्तसूरि-कृत पंचेन्द्रिय गीत - सं. उपा. भुवनचन्द्र श्रीसकतमुनि तथा सा. श्रीजसोदांजीनां गीत - सं. उपा. भुवनचन्द्र मुनि-श्रीउदयसागरजी-कृत थूलिभद्र-चन्द्रायणा - सं. मुनि त्रैलोक्यमण्डनविजय मुनि-श्रीनेमिकुंजर विरचित गजसिंहकुमार-चोपाई - उत्तरार्ध - सं. किरीट शाह रामसनेही सम्प्रदायना महन्त दिलसुद्धरामजीने (इन्द्रप्रस्थ ) दिल्ही पधारवानुं निमन्त्रण आपतो विज्ञप्तिपत्र लिप्यन्तरण - मुनि सुयशचन्द्रविजय गणि, सुजसचन्द्रविजय सम्पादन तथा भावानुवाद- निरंजन राज्यगुरु २७ ३२ ३८ ४२ ५८ ७५Page Navigation
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