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सप्टेम्बर २००९
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ढूंक नोंध :
'पुष्पमाला चिंतवणी' मां सूचित
'क्रीडा' अंगे विवरण
अनुसन्धान-अंक ४८मां 'पुष्पमालाचिंतवणी' नामनी कृति प्रगट करवामां आवी हती. जेमां प्रारम्भमां प्रतमाथी उतारेला विविध फूलोनां नामवाळा ५ कोष्टक पण मूकवामां आव्या हता. आ ५ कोष्टक वडे सरस रमत रमी शकाय छे, जे वाचकोना मनोविनोद अत्रे रजू करवामां आवे छे.
आ रमत माटे कुल छ पत्र (Cards) नी जरूर पडे छे. जेमांथी ५ पत्र पर कृतिमां देखाडेला ५ कोष्टक ज लखवाना छे, ज्यारे एक पत्र पर कृतिमां दर्शावेलां तमाम फूलोनां (३१) नाम लखवानां छे. कोष्टकपत्रोनी पाछली बाजु १,२,४,८,१६ एवा अंको लखवाना छे. कया कोष्टक पर कयो अंक ते देखाडेलु छे. अहीं पण फरीथी देखाडाशे.
आ रमत पोतानुं कौशल देखाडवा माटेनी छे. एमां एक जाणकार व्यक्ति, अजाण माणसने, सौ प्रथम फूलोनां नामवाळु पत्र आपी कोई पण एक नाम धारवायूँ कहे छे, जे तेने गुप्त राखवानुं होय छे. पछी कोष्टकवाळां ५ पत्र तेने आपी, जे पत्रोमां पोते धारेला फूलनुं नाम होय ते पत्रो नीचे ऊंधा मूकी देवानुं कहेवामां आवे छे. ऊंधा मूकेला पत्रोमां लखवामां आवेला अंकोनो सरवाळो करवाथी धारेला फूलनुं नाम जडी जाय छे. आ जडेलुं नाम ज्यारे व्यक्तिने कहेवामां आवे त्यारे पोताना मननी वात सामा माणसे कई रीते जाणी लीधी तेनुं तेने खूब आश्चर्य थाय छे.
धारो के व्यक्तिए 'सेवंत्री' नुं फूल पसंद कर्यु होय, तो तेणे धारेला फूलना नामवाळा कोष्टक पत्रो त्रण छे, जेमनी पाछळ १,२,१६ अंको लखेला छे. पत्रो ऊंधा मूकेला होवाथी आ अंको जोईने जाणकार पुरुष सरळताथी '१९ = सेवंत्री' एम जाणी शके छे. हा, आ माटे ३१ फूलोनां नाम तेने क्रमशः याद होय अथवा तेनी पासे ए लखेलो कागळ होय ते जरूरी छे.
व्यक्तिने आपवामां आवता ३१ फूलोनां नामवाळा पत्रमा नामो आडां
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