Book Title: Anusandhan 2009 09 SrNo 49
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

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Page 154
________________ सप्टेम्बर २००९ १४७ एकदूसरे के सम्पर्क में रहना, दोनों परम्पराओं ने समान रूप से चित्रित किया है । वासुदेव कृष्ण का प्रथमतः नरकगामी होना और नारद का न होना एक अजीब सी बात है। इसका कारण यह होगा कि जैन परम्परा के अनुसार भी नारद ऋषि है, परिव्राजक है, अनगार है तथा यज्ञीय पशुहिंसा के विरोधक भी है। भागवतपुराण के अनुसार विष्णु का तीसरा अवतार नारद है ।११ हालाँकि परवर्ती दस अवतारों में इनकी गिनती नहीं की है। नारद के भावी तीर्थंकरत्व के उल्लेख उत्तरपुराण१२ तथा प्रवचनसारोद्धार'३ में भी पाये जाते हैं। लेकिन नारद के पूर्वजन्म या भावी जन्म की कथाएँ यहाँ अंकित नहीं की गयी है। भगवतीसूत्र में 'नारदपुत्त अनगार' : - भगवतीसूत्र का नारदपुत्त औपपातिकसूत्र में प्रतिपादित नारदीय परिव्राजकों की परम्परा का मालूम पडता है। वहाँ उसको साक्षात् नारद न कहके 'नारदपुत्त' शब्द से अंकित किया है। जैन परम्परा में देवर्षि नारद को कृष्ण और अरिष्टनेमि के समकालीन माना है । इसलिए उसी नारद का महावीर के साथ बातचीत करना, उन्हें कालविपर्यासात्मक लगा होगा । भगवतीसूत्र में परमाणुपुद्गलविषयक चर्चा नारदपुत्त अनगार और निर्ग्रन्थीपुत्र अनगार दोनों में चल रही है। निर्ग्रन्थीपुत्र परमाणुपुद्गल के सप्रदेशत्वअप्रदेशत्व तथा परमाणुओं के स्कन्धों के बारे में नारदपुत्त को प्रश्न पूछता है। नारदपुत्त के एकान्तवादी मत पर निर्ग्रन्थीपुत्र द्रव्य-क्षेत्र-काल-भाव की अपेक्षा से मत प्रदर्शित करता है ।१४ चतुर्विध निक्षेप अथवा न्यासों पर आधारित खास जैन दृष्टिकोण, परिव्राजक नारदपुत्त को समझाने की यह कोशिश, दोनों परम्पराओं के आदानप्रदान प्रक्रिया की प्रतिनिधिस्वरूप मानी जा सकती है। वेदोत्तरकालीन तथा पौराणिक परम्परा में नारद की जिज्ञासा तथा ज्ञानलालसा बारबार दृग्गोचर होती है। जैसे कि छान्दोग्य-उपनिषद् में नारदसनत्कुमार संवाद प्रस्तुत किया है । सर्व विद्याओं का ज्ञाता होकर भी नारद आत्मविद्याविषयक तथ्य सनत्कुमार से जानना चाहता है।१५ महाभारत के शान्तिपर्व के अन्तर्गत नारायणीय उपाख्यान में प्रकृति का विशेष स्वरूप जानने के लिए Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

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