Book Title: Anusandhan 2004 08 SrNo 29
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 83
________________ 78 अनुसंधान-२९ आवी : १. पुराकथारूप Mythological २. दंतकथात्मक Legendary Tale ३. मनोरंजक लोककथात्मक रामकथा, कृष्णकथा अने पांडवकथा : आ त्रण भारतीय समान धारानी त्रण मुख्य पुराकथाओ छे. एनो उद्भव-विकास सर्वसामान्य एवी लोकधारामां थयो. एमांथी आ कथाओ वैदिक, बौद्ध अने जैन ए त्रण भारतीय मूळना आर्यधर्मोमां प्रयोजाइ अने दरेक धर्ममां ते केटलाक भेद साथे, पोतानी रीते विकसी. भारतीय वैदिक धर्मना केटलाक संप्रदायमां अवतार-वाद मुख्य बन्यो अने राम तथा कृष्ण भगवान विष्णुना अवतारो मनाया अने पूजाया. बौद्ध अने जैन धर्मो अवतार-वाद स्वीकारता नथी एथी एमां केटलांक रूपान्तर थयां अने पुराणकथा के पुराकथा Myth ने बदले दंतकथा Legend जेवू रूप बंधायु. परंतु आ कथा अने पात्रोने सीधो संबंध जैनधर्म साथे पण रह्यो एथी एनां स्थान-महत्त्व पौराणिककथा तरीके जळवाया. जैन स्रोतनी रामकथा पद्मचरित / पद्मपुराणमां छे. कृष्णकथा प्राकृत 'वसुदेव-हिंडी'मां छे. आ प्रवाह ज पछी आगळ चाले छे अने तेना पर चरित, रासा वगेरे रूपमां अनेक रचनाओ थई छे. बीजो प्रवाह दंतकथानो छे. एमां उदयन-वासवदत्ता, श्रेणीक, अभयकुमार, विक्रमादित्य वगेरेनो समावेश थाय छे.. __त्रीजो प्रवाह मनोरंजक लोककथाओनो छे. दंतकथानो वीरविक्रम एटलो लोकप्रिय बन्यो के अने आधारे विक्रम अने शनिश्चर, विक्रम अने वेताळ, एवी अनेक कथाओ जन्मी. पंचदंड, सिंहसनबत्रीसी जेवी कृतिओ रचाइ. इसुनी चोथी-छठ्ठी सदीथी उदयन-वासवदत्तानी कथाओ भारतमां लोकप्रिय बनी चूकी हती. अने दशमी-बारमी सदीथी ते छेक अढारमी सदी सुधीमां विक्रमकथा भारतभरमां लोकप्रिय रही. एना पर अनेक कृतिओ रचाइ. नंदबत्रीसी, सूडो बहोंतेरी पण एवी ज लोकप्रिय कथाओ हती. प्राचीन अने मध्यकालीन समयनी आ बधी ज कथाओ जैनकथासाहित्यमां स्थान Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110