Book Title: Anusandhan 2004 08 SrNo 29
Author(s): Shilchandrasuri
Publisher: Kalikal Sarvagya Shri Hemchandracharya Navam Janmashatabdi Smruti Sanskar Shikshannidhi Ahmedabad

View full book text
Previous | Next

Page 93
________________ 88 अनुसंधान-२९ [२] जैन कथाओ १. कइ कथा कया व्रतादि साथे जोडाई छे तेनो संदर्भ : देवद्रव्यभक्षण : संकास श्रावक अभिग्रह : जीर्णशेठ संक्लिष्टकषाय : अग्निशिख, अरुण मुनि, बाळमुनि श्रावकव्रत : श्रावकपुत्र सदाचार : सुदर्शन शील : शीलवती अणुव्रत : श्रीमति अने सोमा अहिंसा : कुटुंबमारी सत्यव्रत : वहाणवटी ब्रह्मचर्य : पतिमारिका ईर्यासमिति : वरदत्त मुनि भाषासमिति : संगत साधु एषणासमिति : नंदिषेण चोथी समिति : सोमिल मुनि पारिष्ठापनिका समिति : धर्मरुचि पांचमी समिति : नागश्री पुरुषार्थ-प्रारब्ध पर : पुण्यसार-विक्रमसार अप्रमादसेवन : तेलपात्रधारक जातिस्मरण : राजपुत्र भावाभ्यास : नर सुंदरी (विगत माटे : आनंद-हेम-ग्रन्थमाला : पुष्प : १८ प्रा. उपदेशपद महाग्रन्थनो गूर्जर अनुवाद : आ.श्री. हेमसागरसूरि, पं. लालचंद्र भ. गांधी, मुंबई, ई.स. १९७२) Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org

Loading...

Page Navigation
1 ... 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110