Book Title: Antkruddashanga Sutram
Author(s): Ghasilal Maharaj
Publisher: A B Shwetambar Sthanakwasi Jain Shastroddhar Samiti
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मुनिकुमुदचन्द्रिका टीका, महाकालीचरितम्
॥ मूलम् ॥ एवं वीरकण्हा वि, णवरं महालयं सबओभदं तवोकम्म उवसंपजित्ताणं विहरइ, तं जहा-चउत्थं करेइ, करिता सबकामगुणियं पारेइ, पारिता छटुं करेइ, करित्ता सबकामगुणियं पारेइ, पारिता अट्टमं करेइ, करित्ता सबकामणियं पारेइ, पारिता दसमं करेइ, करित्ता सबकामगुणियं पारेइ, पारिता दुवालसं करेइ, करित्ता सबकामगुणियं पारेइ, पारिता चउदसमं करेइ, करिता सबकामगुणियं पारेइ, पारिता सोलसमं करेइ, करित्ता सबकामगुणियं पारेइ, पढमा लया ॥ १ ॥
दसमं करेइ, करिता सबकामगुणियं पारेइ, पारिता दुवालसमं करेइ, करित्ता सबकामगुणियं पारेइ, पारित्ता चउदसमं करेइ, करिता सबकामणियं पारेइ, पारिता सोलसं करेइ, करित्ता सबकामगुणियं पारेइ, पारिता चउत्थं करेइ, करिता सबकामगुणियं पारेइ, पारित्ता छठं करेइ, करिता सवकामगुणियं पारेइ, पारिता अट्टमं करेइ, करित्ता सबकामगुणियं पारेइ, बीया लया ॥२॥
सोलसं करेइ, करित्ता सबकामयुणियं पारेइ, पारिता चउत्थं करेइ, करिता सबकामगुणियं पारेइ, पारित्ता छहं करेइ, करित्ता सबकामगुणियं पारेइ, पारित्ता अट्टमं करेइ, करित्ता सबकामयुणियं पारेइ, पारिता दसमं करेइ, करित्ता सबकामगुणियं पारेइ, पारित्ता दुवालसमं करेइ, करित्ता सबकामकणियं पारेइ, पारित्ता चउद्दसं करेइ, करित्ता सबकामगुणियं पारेइ, तइया लया ॥३॥

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