Book Title: Angpavittha  Suttani
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh

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Page 7
________________ औदारिक सम्बन्धी 10 अस्वाध्याय . 11-13 हड्डी, रक्त और मांस, ये तिर्यंच के 60 हाथ के भीतर . हो / मनुष्य के हो तो 100 हाथ के भीतर हो / मनुष्य __ की हड्डी यदि जली या धुली न हो तो 12 वर्ष तक / 14 अशुचि की दुर्गन्ध आवे या दिखाई दे तब तक 15 श्मशान भूमि- सौ हाथ से कम दूर हो तो। 16 चन्द्रग्रहण-खंड ग्रहण में 5 प्रहर, पूर्ण हो तो 12 प्रहर / 17 सूर्य ग्रहण . " 12 " . . 16 " 18 राजा का अवसान होने पर, जब तक नया राजा घोषित न हो। 16 यद्ध स्थान के निकट- जब तब युद्ध चले। 20 उपाश्रय में पंचेंद्रिय का शव पड़ा हो, जब तक पडा रहे। ... 21-25 आषाढ़, भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक और चैत्र की .. पूर्णिमा . दिन रात। 26-30 इन पूर्णिमा के बाद की प्रतिपदा . . . . 31-3.4 प्रातः, मध्यान्ह, संध्या बौर अर्द्ध रात्रि 1-1 मुर्हत / .. ... उपरोक्त अस्वाध्याय को टाल कर स्वाध्याय करना चाहिए / खुले मुंह नहीं बोलमा तथा दीपक के उजाले में नहीं बांचना चाहिए। नोट-मेघ गर्जनादि में अकाल, आर्द्रा नक्षत्र से पूर्व और स्वांति के बाद का माना गया है।

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