Book Title: Angpavittha  Suttani
Author(s): Ratanlal Doshi, Parasmal Chandaliya
Publisher: Akhil Bharatiya Sadhumargi Jain Sanskruti Rakshak Sangh

Previous | Next

Page 11
________________ [10] शुद्ध वा 848 850 पृ. पं. अशुद्ध 715 11 वा चक्रवटि मायरो वा 726 17 समवाणोसया . समणोवासया 742 वेमासाणियावासा . वेमाणियावासा ..... 777 अम्म...... कम्म.... 797 तंदु...... तंतु............. पाचलेइ०. पचालेइ० सलेसस्सस सरीरस्स सलेसस्स ससरीरस्स / 17-18 समसरीरा 858 असण्णी ‘णो असण्णी 879 सेरीरं . सरीरं 1120 आयरियवउज्झा... आयरियउवज्झा... 1121 णट्टल्लग णटुल्लग परलो परलोए 1135 च च से 1139 वट्टाए वट्टावए 1153 विगयभुम्गभुमय / विगयभुग्गभग्गभुमय 1981 णावसक्खाय , णावयवसि 1193 सोहेमाणो य पेच्छमाणो य. सोहेमाणो य ... सासोमाणी य . 1195 25 पुव्ववजाई पुव्वजाई 1199 4 . आम्गहोमं करेइ 2 त्ता अम्गिहोमं करेइ 2 त्ता पाणिम्गहणं करेइ 2 त्ता' 1212 27 : गेहइ गहेइ 12167 ......भावा..... ...भावा जाव... 1218 - 4 मुहुत्तमित्त . मुहुत्तमित्तं . 1228 -4 ण्हाया मज्जणघरं अणुपविसई 2 त्ता हाए 1123 K

Loading...

Page Navigation
1 ... 9 10 11 12 13 14 15 16 17 18 19 20 21 22 23 24 25 26 27 28 29 30 31 32 33 34 35 36 37 38 39 40 41 42 43 44 45 46 47 48 49 50 51 52 53 54 55 56 57 58 59 60 61 62 63 64 65 66 67 68 69 70 71 72 73 74 75 76 77 78 79 80 81 82 83 84 85 86 87 88 89 90 91 92 93 94 95 96 97 98 99 100 101 102 103 104 105 106 107 108 109 110 111 112 ... 1476