Book Title: Anekant 2013 Book 66 Ank 01 to 04
Author(s): Jaikumar Jain
Publisher: Veer Seva Mandir Trust

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Page 4
________________ १. विषयानुक्रमणिका विषय चेतन खेले होरी ध्यान का स्वरूप एवं उसके भेद तथा गुण-दोष विवेचन २. नाट्यशास्त्र में प्राकृत व्याकरण के नियम ३. जैन शिल्प विधान का स्वरूप ४. मूलाचार में दिगम्बर जैन मुनियों का अर्थशास्त्र ५. समणसुत्तं में प्रतिपादित ज्ञान-मीमांसा ६. मंगल एवं मंगलाचरण का विश्लेषणात्मक अध्ययन ७. कलिङ्ग चक्रवर्ती खारवेल ८. Relativity and Anekant ९. जैन वाङ्गमय में संगीत १०. कल्याणमन्दिर स्तोत्र एक अनुशीलन ११. तत्त्वार्थ श्लोकवार्तिकालंकार के आधार पर व्रतों के अतिचारों की समीक्षा १२. पं. गिरिधर शर्मा 'नवरत्न' की जैन साहित्य को देन १३. आचार्य जुगल किशोर 'मुख्तार' स्मृति व्याख्यानमाला प्रतिवेदन अनेकान्त 66/1 जनवरी-मार्च 2013 लेखक का नाम डॉ. जयकुमार जैन प्रो. कमलेश कुमार जैन डॉ. मुक्ति पाराशर प्रो. फूलचन्द जैन प्रेमी डॉ. बसन्त लाल जैन पृष्ठ संख्या डॉ. रमेशचन्द जैन Dr. Samani Shashi Prajna सिद्धार्थ जैन, एम. म्यूज. प्राचार्य पं. निहालचंद जैन पं. आलोक कुमार जैन ललित शर्मा १४ २० २७ ३५ ४१ ४७ ५४ ६५ ६९ ७५ ८६ ९५

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